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उद्यमी परेशान, अब कैसे चलेगा काम

किसान आंदोलन के चलते उद्योगपति परेशान होने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 06:55 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 06:55 PM (IST)
उद्यमी परेशान, अब कैसे चलेगा काम
उद्यमी परेशान, अब कैसे चलेगा काम

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : किसान आंदोलन के चलते उद्योगपति परेशान होने लगे हैं। कोरोना काल से धीरे-धीरे पटरी पर आ रही व्यवस्था एक बार फिर डगमगाती हुई नजर आ रही है। यदि जल्द यह आंदोलन समाप्त नहीं हुआ तो उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को खाली बैठना पड़ जाएगा। औद्योगिक नगरी में रबड़ का काम करने वाली औद्योगिक इकाइयों को भी परेशानी होना शुरू हो गई है। इसलिए उद्योगपति अब यही आस लगाए बैठे हैं कि जल्द मामला निपट जाए तो सभी के लिए अच्छा होगा। उद्योगपतियों के लिए दिल्ली-एनसीआर अहम

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औद्योगिक नगरी के लिए दिल्ली-एनसीआर काफी अहम हैं। कच्चा माल लाने से लेकर तैयार माल भेजने तक के लिए उद्योगपति आसपास के जिलों पर निर्भर हैं, लेकिन कुछ दिन से किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर से कनेक्टिविटी में दिक्कत आ रही है। इस वजह से औद्योगिक इकाइयों का माल आने-जाने में दिक्कत हो रही है। जिले में रबड़ की काफी इकाइयां हैं। अब इनके पास कच्चे माल की कमी आने लगी है। जताने लगे चिता

बड़ी औद्योगिक इकाइयां लघु उद्योग संचालकों के पास मेल भेजकर किसानों के आंदोलन को लेकर चिता जताने लगे हैं, साथ ही तैयार माल की जानकारी भी मांगी जा रही है। मेल में यह भी पूछा गया है कि यदि आने वाले कुछ दिन आंदोलन चलता है तो उनकी क्या तैयारी है। हमें यह नहीं पता था कि किसानों का यह आंदोलन इतने दिन चलेगा। सभी उद्यमियों ने अपनी जरूरत के हिसाब से कच्चा माल स्टाक करके रखा था। अब धीरे-धीरे परेशानी आने लगी है। अब माल ढोने वाले चालक दिल्ली-एनसीआर सहित पंजाब जाने को तैयार नहीं हैं। पता नहीं कहां-कहां रास्ते बंद हैं। पृथला में भी यूनिट संचालक परेशान हैं। कच्चा माल न होने की वजह से इकाइयों में कर्मचारियों के पास काम नहीं हैं। आंदोलन लंबा खिचा, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ेंगे।

-रवि भूषण खत्री, प्रधान लघु उद्योग भारती। हमारा सबसे अधिक काम दिल्ली-एनसीआर से ही होता है। किसी भी मशीन के पा‌र्ट्स दिल्ली में मिलते हैं, जबकि कच्चा माल लाने और तैयार माल बाहर भेजने में हिचकिचाहट हो रही है। बड़ी औद्योगिक इकाइयां भी संकट में आ गई हैं। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ना शुरू हो गया है। इससे एक बार फिर लाकडाउन जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। इसलिए जल्द मामला निपट जाए जो सभी के लिए बेहतर होगा।

-गौतम चौधरी, उद्योगपति


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