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कांत एन्क्लेव में मकानों का सर्वे शुरू

सब हेड : तीन टीमें पहुंची सर्वे करने, बनाए मकानों के नक्शे फोटो 2 नंबर सीरीज में हैं 2 : कांत एन्क्लेव में मकानों का सर्वे करती जिला नगर योजनाकार विभाग की टीम। जागरण ए : कांत एन्क्लेव में मकानों का नक्शा इस तरह किया जा रहा है तैयार। जागरण बी : अनुराग मारवाह सी : अनुपम शरण डी : पीके गांधी ई : एमबी आनंद नेट पर देरी से डालें जी जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कांत एन्क्लेव सेक्टर-40 में टूटने वाले मकानों का सर्वे शनिवार सुबह 12 बजे से शुरू हो गया है। सर्वे करने के लिए तीन टीमों ने कुछ मकानों की नापतोल कर नक्शा तैयार किए हैं। नक्शा में मकान कितने एरिया में बना है, कितनी मंजिल बना है और कवर्ड एरिया की लंबाई-चौड़ाई कितनी है। मकान में लोग रह रहे हैं या ताला लगा हुआ है। मौके पर वीडियोग्राफी भी हो रही है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर हुडा प्रशासक के माध्यम से मुख्य सचिव के पास जाएगी। 2

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 07:40 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 07:40 PM (IST)
कांत एन्क्लेव में मकानों का सर्वे शुरू
कांत एन्क्लेव में मकानों का सर्वे शुरू

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कांत एन्क्लेव सेक्टर-40 में टूटने वाले मकानों का सर्वे शनिवार सुबह 12 बजे से शुरू हो गया है। सर्वे करने के लिए तीन टीमों ने कुछ मकानों की नापतोल कर नक्शे तैयार किए हैं। इनकी संख्या 43 बताई गई है। नक्शा में मकान कितने एरिया में बना है, कितनी मंजिल बना है और कवर्ड एरिया की लंबाई-चौड़ाई कितनी है। मकान में लोग रह रहे हैं या ताला लगा हुआ है। मौके पर वीडियोग्राफी भी हो रही है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर हुडा प्रशासक के माध्यम से मुख्य सचिव के पास जाएगी।

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28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में कांत एन्क्लेव वाले मामले को लेकर सरकार को अपना पक्ष रखना है। मुख्य सचिव सर्वे रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कांत एन्क्लेव में 1992 के बाद हुए निर्माणों को 31 दिसंबर से पहले तोड़ने के आदेश दिए हैं। उधर कांत एन्क्लेव में सर्वे को लेकर वहां रह रहे लोगों में हलचल पैदा हो गई। हमें जमीन व मकानों का पूरा मुआवजा मिलना चाहिए ताकि कहीं और जाकर आशियाना बना सके। बिल्डर हमें मुआवजा देने को तैयार नहीं है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हमें मजबूरन सड़कों पर उतरना होगा।

-अनुराग मारवाह हम दो विभागों की लड़ाई में फंसे हुए हैं। हमने वैध कॉलोनी में प्लॉट लिया था। बाकी सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं। इसके बावजूद अब मकानों को अवैध करार देकर तोड़फोड़ के आदेश दिए हैं। ऐसे तो शासन-प्रशासन से भविष्य में प्लॉट लेने वालों का विश्वास उठ जाएगा।

-अनुपम शरण हमारे मकान किसी भी कीमत पर टूटने नहीं चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश कांत एन्क्लेव सहित आसपास के सेक्टरों व कॉलोनियों पर लागू होता है, जिसके अंतर्गत 25 हजार से अधिक निर्माण आएंगे। केवल हमारे मकानों को तोड़ना अन्याय है।

-पीके गांधी यहां अधिकतर वरिष्ठ नागरिक रह रहे हैं। हमारे पास केवल पेंशन आती है। किसी अन्य जगह प्लॉट लेकर मकान बनाना आसान नहीं है। हमें जमीन के बदले जमीन और घर के बदले पूरी रकम मिलनी चाहिए। इससे कम हमें मंजूर नहीं है। यह हमारी मजबूरी भी है।

-एमबी आनंद टीमों ने सर्वे शुरू कर दिया है। कोशिश करेंगे रिपोर्ट जल्द तैयार हो जाए। रिपोर्ट मुख्य प्रशासक को सौंप दी जाएगी।

-संजीव मान, जिला नगर योजनाकार


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