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एचएसवीपी में एन्हांसमेंट वाले मामलों के लिए कमेटी नियुक्त

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों में एन्हांसमेंट (लागत में बढ़ोतरी) अब जिला स्तर पर नहीं हो सकेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 05:19 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 05:19 PM (IST)
एचएसवीपी में एन्हांसमेंट वाले मामलों के लिए कमेटी नियुक्त
एचएसवीपी में एन्हांसमेंट वाले मामलों के लिए कमेटी नियुक्त

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों में एन्हांसमेंट (लागत में बढ़ोतरी) अब जिला स्तर पर नहीं हो सकेगी। इसके लिए मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने मुख्यालय स्तर पर कमेटी का गठन कर दिया है। अब प्राधिकरण के अधिकारियों को एन्हांसमेंट वाले केस मुख्यालय भेजने होंगे। कमेटी जांच करने के बाद ही तय करेगी कि एन्हांसमेंट की जरूरत है या नहीं। इसके बाद ही अनुमति दी जाएगी। साथ ही फिलहाल एन्हांसमेंट करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। जो अधिकारी एन्हांसमेंट कर सकते थे, उन सभी से शक्तियां वापस ले ली हैं। बता दें इस बारे में 21 दिसंबर 2021 को मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने पत्र सभी प्राधिकरण के कार्यालयों को भेज दिया गया है। पता चला है कि मुख्य प्रशासक के पास इस तरह की शिकायत पहुंची थी कि अधिकारी एन्हांसमेंट के जरिये ठेकेदारों और खुद को लाभ पहुंचा रहे हैं। एन्हांसमेंट से अपने चहेते ठेकेदार को काम देते रहते हैं और वे भी रेट बढ़ाकर। इसके बाद अब सख्ती बरती जा रही है।

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कैसे होती है एन्हांसमेंट

किसी भी विभाग में जब किसी विकास कार्य के टेंडर किए जाते हैं तो उसका एस्टीमेट बनाया जाता है। यानी कि उसकी अनुमानित लागत तय की जाती है। कई बार विकास कार्य में कुछ और काम जोड़ दिए जाने की वजह से उसकी लागत बढ़ जाती है। लागत में हुई बढ़ोतरी को ही एन्हांसमेंट कहा जाता है। अगर लागत में बढ़ोतरी पहले से बनाए गए एस्टीमेट से कम है तो उसका भुगतान कर दिया जाता है, लेकिन यदि तय किए गए एस्टीमेट से अधिक है तो उसके लिए रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया जाता है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि ठेकेदार के रेट पहले वाले ही हैं या नहीं। इसकी अनुमति लेनी होती है। सरकारी विभागों में अधिकारी मानकर चलते हैं कि 25 फीसद तक एन्हांसमेंट हो सकती है।

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कई बार विकास कार्य पूरे करने के लिए एन्हांसमेंट करनी पड़ जाती है। तैयार किए गए एस्टीमेट से अधिक लागत आ जाती है। इसमें मुख्य रूप से यह देखा जाता है कि प्राधिकरण को कोई वित्तीय हानि तो नहीं हो रही और जो रेट पहले से तय किए गए हैं, वही हैं या नहीं। लेकिन अब एन्हांसमेंट न करने के बारे में मुख्य प्रशासक की ओर से पत्र दिसंबर में आ चुका है। तभी से एन्हांसमेंट करना बंद कर दी गई है।

- राजीव शर्मा, अधीक्षण अभियंता, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण।


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