स्टिल्ट पार्किग की जगह बन रहे फ्लैट-दुकान, अब होगी जांच
नगर निगम और नगर योजनाकार विभाग से लाइसेंसशुदा कालोनियों की बहुमंजिला इमारतों में स्टिल्ट पार्किग की जगह फ्लैट बनाने के नाम पर खूब खेल हो रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे इस खेल में कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : नगर निगम और नगर योजनाकार विभाग से लाइसेंसशुदा कालोनियों की बहुमंजिला इमारतों में स्टिल्ट पार्किग की जगह फ्लैट बनाने के नाम पर खूब खेल हो रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे इस खेल में कार्रवाई भी नहीं हो पा रही है। बिल्डर इस पार्किग वाली जगह फ्लैट बनाकर बेच रहे हैं। एक ऐसी ही शिकायत पर अब कार्रवाई होने की उम्मीद है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जिला उपायुक्त व निगमायुक्त को इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही इस तरह की नई कंस्ट्रक्शन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए भी कहा है।
क्या है स्टिल्ट पार्किग
हाउसिग सोसायटी में भूतल का इस्तेमाल पार्किग स्पेस के रूप में किया जाता है। इसके लिए आठ-फुट ऊंची मंजिल का निर्माण किया जाता है, जो आंशिक रूप से कवर किए गए पार्किग स्थान के रूप में कार्य करता है। यह पूरे भवन के लिए आधार संरचना के रूप में भी कार्य करता है। इसमें इस भवन में रहने वाले लोग अपने वाहनों को खड़ा करते हैं। इससे भवन के बाहर वाहन खड़ा करने की जरूरत नहीं होती। बिल्डर इसी पार्किग स्थल की जगह फ्लैट व दुकान बनाकर इसे बेच रहे हैं। जो नियमों के खिलाफ है।
तीन साल से कर रहे शिकायत
दयाल बाग कालोनी निवासी अजय सिंह ने 2018 में एक शिकायत निगमायुक्त को दी थी। इसमें बताया था कि दयाल बाग में हजारों फ्लैट स्टिल्ट पार्किग के स्थान पर बना दिए गए हैं और लोगों को बेचे जा रहे हैं। इस मामले में सीएम विडो पर भी दो बार शिकायत की गई। ग्रीवेंस कमेटी में भी यह मामला अक्टूबर में उठा। इसके बावजूद यहां छुटपुट कार्रवाई की गई। अभी भी ऐसे अवैध निर्माण हो रहे हैं। अजय सिंह का कहना है कि अधिकारी बिल्डरों से मिले हुए हैं। मोटी रकम चढ़ावे के रूप में जाती है। इस वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती। बिल्डर ऐसे फ्लैट व दुकान बेचकर फरार हो जाते हैं और नुकसान खरीददार को उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब ऐसे अवैध निर्माण हो रहे होते हैं तो अधिकारी कार्रवाई नहीं करते, बाद में आमजन के नुकसान का हवाला देकर कार्रवाई नहीं की जाती। यह सब जानबूझकर किया जाता है। ऐसा हर कालोनी में हो रहा है।
छह माह में होगा सफाया
शुक्रवार को ग्रीवेंस कमेटी में आए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को आदेश दिए कि ऐसे सभी मामलों की जांच की जाए। उन्हें छह माह का समय दिया जाए। इसके बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाए। अब नगर निगम व नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी ऐसे फ्लैटों की जांच करेंगे।
अक्सर इस तरह की शिकायतें आती रहती हैं और कार्रवाई भी की जाती है। अब नए सिरे से ऐसे अवैध फ्लैट चिन्हित किए जाएंगे और कार्रवाई करेंगे।
- राजेंद्र शर्मा, जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट