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नशीले पदार्थों, अवैध हथियार और जुए के खिलाफ अभियान में अहम कामयाबी

नशीले पदार्थों अवैध हथियार और जुए के खिलाफ चलाए गए अभियान में पुलिस को अहम कामयाबी मिली है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 07:22 PM (IST)
नशीले पदार्थों, अवैध हथियार और जुए के खिलाफ अभियान में अहम कामयाबी
नशीले पदार्थों, अवैध हथियार और जुए के खिलाफ अभियान में अहम कामयाबी

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: नशीले पदार्थों, अवैध हथियार और जुए के खिलाफ चलाए गए अभियान में पुलिस को अहम कामयाबी मिली है। नौ दिन में इन सभी मामलों में 361 मुकदमे दर्ज कर 386 आरोपितों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में अवैध सामग्री बरामद की गई है।

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इनमें 110 मुकदमे आबकारी, 225 जुआ अधिनियम, 17 शस्त्र अधिनियम और 9 मुकदमे एनडीपीएस के शामिल हैं। एनआइटी जोन ने 361 में से सबसे अधिक 182 मुकदमे दर्ज किए गए। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में जुआ अधिनियम में सबसे अधिक 251 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद आबकारी अधिनियम में 110, शस्त्र अधिनियम में 17 व एनडीपीएस एक्ट के तहत 8 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए 110 मुकदमों में पुलिस ने 1767 बोतल अवैध शराब बरामद की है। इसमें 1631 बोतल देसी, 124 अंग्रेजी व 12 बोतल बीयर की शामिल है। एनडीपीएस के तहत दर्ज नौ मुकदमों में पुलिस ने 4.71 किलोग्राम गांजा, 21 ग्राम स्मैक, सात इंजेक्शन व 14 नशीले इंजेक्शन की बरामद किए हैं। शस्त्र अधिनियम में पुलिस ने 17 मुकदमे दर्ज कर 18 देसी पिस्तौल, दो कारतूस व दो अवैध चाकू बरामद किए हैं। जुआ अधिनियम के आंकड़ों के अनुसार दर्ज किए गए 225 मुकदमों में 400935 रुपये बरामद किए गए हैं।

पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने कहा कि अगर बड़े अपराध पर शिकंजा कसना है तो इन अपराधों को जन्म देने वाले छोटे-छोटे कारणों को खत्म करना होगा। नशा और जुआ किसी भी प्रकार के अपराध के घटित होने का मुख्य आधार है। सबसे पहले कोई भी व्यक्ति अपनी संगत के चलते या शौकिया तौर पर नशे के रूप में शराब का सेवन करता है। धीरे-धीरे फिर यह उसकी आदत बन जाती है जिसके बाद अपने दोस्तों के साथ शराब पीते-पीते वह जुआ भी खेलना शुरू कर देता है। एक बार यदि कोई व्यक्ति शराब और जुए के चंगुल में फंस जाता है तो उसका बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। इंसान अपनी सारी कमाई जुए में उड़ा देता है। इधर-उधर से पैसे उठाकर भी वह जुए में लगा देता है लेकिन जब तक उसे इसके दुष्परिणामों का एहसास होता है तब तक बात उसके हाथ से निकल चुकी होती है। फिर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए वह चोरी करनी शुरू कर देता है और चोरी में अपने करते समय वह पकड़ा ना जाए इसके लिए वह अपने पास अवैध हथियार रखना भी शुरू कर देता है।


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