लापरवाही : ग्रीनबेल्ट से मिट्टी उठाकर बनाई मास्टर रोड, अब हरियाली को तरसे
ग्रेटर फरीदाबाद में रहने वाले लोग लाखों रुपये निवेश कर फ्लैट खरीदकर रह रहे हैं लेकिन अभी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : ग्रेटर फरीदाबाद में रहने वाले लोग लाखों रुपये निवेश कर फ्लैट खरीदकर रह रहे हैं, लेकिन अभी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां एक नहीं बल्कि कई समस्याएं हैं, जिनकी वजह से आमजन परेशान हैं। ग्रेटर फरीदाबाद में 75 मीटर चौड़ी मास्टर रोड बनाने के लिए ग्रीनबेल्ट वाली जगह से खोदाई कर डाली। अब मास्टर रोड तो बन गई, लेकिन एक दशक बाद भी ग्रीनबेल्ट विकसित नहीं हो सकी है। क्योंकि ग्रीनबेल्ट वाली जगह गहरे गड्ढे हैं। इसमें सीवर का पानी भरा रहता है। स्थानीय लोग कई बार इसकी शिकायत मुख्य प्रशासक और मुख्यमंत्री से कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो सका है।
खूब हुई मिट्टी चोरी
ग्रेफ में मिट्टी चोरी खूब हुई है। मास्टर रोड बनाने के लिए ठेकेदारों ने मनमर्जी से मिट्टी चोरी की। इसके लिए काटे गए सेक्टर को भी नहीं बक्शा। सेक्टर-76 और 77 में तो 20-20 फुट गहरे गड्ढे बना दिए गए। जबकि ठेकेदार को बाहर से मिट्टी लानी थी, लेकिन अधिकारियों से मिलीभगत होने के चलते यह काम कर दिया गया। 75 मीटर चौड़ी मास्टर रोड किनारे करीब साढ़े सात किलोमीटर लंबी ग्रीनबेल्ट विकसित की जानी थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। ग्रीनबेल्ट के नाम पर यहां गहरे गड्ढे, उनके भरा सीवर का पानी और बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं।
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हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ग्रीनबेल्ट विकसित नहीं हो सकी है। एक दशक से लोग रह रहे हैं, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हो रही है।
- सतबीर सिंह, सेक्टर-85
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ग्रीनबेल्ट की जगह गड्ढों में सीवर का पानी भरे होने से भूजल स्तर पर भी फर्क पड़ रहा है। साथ ही बदबू बहुत अधिक रहती है। इस बारे में तुरंत कदम उठाने चाहिए।
- रणबीर, बीपीटीपी पार्कलैंड्स
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हम सभी से इस उम्मीद के साथ यहां फ्लैट लिए थे कि जल्द विकास होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बिल्डर से लेकर शासन-प्रशासन सभी से निराशा मिली है।
- सतबीर कुमार, सेक्टर-88
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यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। यहां विकास के मामलों की यदि जांच शुरू हो जाए तो सच सामने आ जाएगा, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- आरएस गर्ग, सेक्टर-88
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ग्रीनबेल्ट विकसित करने की योजना है। इसका एस्टीमेट बनाया जा रहा है। जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद है। इसके बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। यहां समय-समय पर पौधारोपण किया जाता रहता है।
- अश्वनी त्यागी, एसडीओ, बागवानी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण।