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खस्ता हाल रेलवे पुलों की सड़कें, वाहन चालक परेशान

औद्योगिक नगरी की सड़कों की हालत तो किसी से छिपी नहीं है अब शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग से कनेक्ट करने वाले और प्रवेश द्वार कहे जाने वाले रेलवे ओवर ब्रिज(आरओबी)की सड़कें भी बेहद खस्ता हाल हो गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 08:22 PM (IST)
खस्ता हाल रेलवे पुलों की सड़कें, वाहन चालक परेशान
खस्ता हाल रेलवे पुलों की सड़कें, वाहन चालक परेशान

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : औद्योगिक नगरी की सड़कों की हालत तो किसी से छिपी नहीं है, अब शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग से कनेक्ट करने वाले और प्रवेश द्वार कहे जाने वाले रेलवे ओवर ब्रिज(आरओबी)की सड़कें भी बेहद खस्ता हाल हो गई हैं। इससे रोज हजारों वाहन चालक परेशान रहते हैं और यह सुबह-शाम वाहन रेंग-रेंगकर चलने का कारण भी बन रहे हैं। अहम बात यह भी है कि इन्हीं पुलों से जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी आवागमन करते हैं, लेकिन उनका ध्यान भी इनकी तरफ नहीं है।

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एनआइटी से कनेक्टिविटी के लिए अहम

राष्ट्रीय राजमार्ग को औद्योगिक नगरी एनआइटी, सेक्टर-21 व सेक्टर-24, 25 में स्थित कारखाना क्षेत्र से कनेक्टिविटी के लिए तीनों रेलवे पुल नीलम-अजरौंदा, बड़खल और बल्लभगढ़-सोहना काफी अहम है। यहां से रोजाना हजारों लोगों का आवागमन होता हैं। उद्योगों से माल लेकर वाहनों का आवागमन भी यहीं से होता है। इन सड़कों की हालत पहले से ही खराब थी, पर अब वाहनों के लगातार दबाव के बाद यह और गहरा गई है।

बल्लभगढ़-सोहना पुल

बल्लभगढ़ से सोहना जाने के लिए रेलवे लाइन के ऊपर पुल बना हुआ है। इस पुल से औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर-22, 23, 24,25 और एनआइटी का कुछ क्षेत्र जुड़ा है। हजारों वाहन चालक इस पुल से सोहना की ओर जाते हैं।

नीलम पुल

एनआइटी से राष्ट्रीय राजमार्ग की सबसे अहम कनेक्टिविटी नीलम पुल से मानी जाती है। क्योंकि इस पुल से बादशाह खान नागरिक अस्पताल, नगर निगम, निजी अस्पताल सहित अन्य बड़े-बड़े संस्थान जुड़े हुए हैं। इस पुल से गुरुग्राम को जाने वाला ट्रैफिक निकलता है। इस पुल पर सबसे अधिक वाहनों का दबाव रहता है। इसलिए दिनभर यहां वाहन रेंग-रेंग कर चलते हैं। पुल के ऊपर सड़क कई जगह से टूट चुकी है।

बड़खल पुल

राष्ट्रीय राजमार्ग से सूरजकुंड की ओर जाने के लिए यह पुल काफी अहम है। इसी पुल से पुलिस आयुक्त कार्यालय, एशियन अस्पताल, जिमखाना क्लब, मार्बल मार्केट सहित सूरजकुंड की ओर जाते हैं। राजमार्ग से पुल पर चढ़ते समय सड़क की हालत काफी खराब है। इसलिए यहां आकर वाहनों की गति धीमी हो जाती है। इससे रोज जाम जैसी स्थिति बन जाती है।

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सड़कों के मामले में पूरे शहर के हाल ही खराब हैं। अब रेलवे पुलों के ऊपर की सड़क भी टूट चुकी हैं। इस वजह से वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। टूटी सड़कों से भारी वाहन निकलते हैं, तो कई बार वाहनों के एक्सल टूट जाते हैं। टायर खराब हो रहे हैं। बेहद आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

- सुरेश अरोड़ा, संयोजक, बाटा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन।

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बेहतर आवागमन के लिए सड़कों का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है। पुल के ऊपर सड़क यदि ठीक होगी तो जाम नहीं लगेगा। सड़क का जो हिस्सा जर्जर हो जाता है, वहां वाहनों की गति थम जाती है। इसलिए अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

- सुभाष कौशिक, महासचिव, आल फरीदाबाद ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन।

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जर्जर सड़कों की वजह से जाम लगता है और वाहनों में नुकसान होता है। इस बारे में जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि रेलवे पुलों का प्रयोग तो सभी करते हैं। जर्जर सड़क से प्रदूषण भी बढ़ता है।

-सतीश गुप्ता, ग्रीन वैली।

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हमने रोड सेफ्टी की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया है। बड़खल वाले पुल का एरिया तो मात्र 100 मीटर का है, जो जर्जर है। अब विभाग कहता है कि उनके पास पैसे नहीं है। बताओ कैसे चलेगा काम।

-सरदार देवेंद्र सिंह, सदस्य, रोड सेफ्टी काउंसिल।

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वायु प्रदूषण के चलते अभी मरम्मत कार्य शुरू नहीं कर सकते। जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो मरम्मत कराई जाएगी।

- ओमबीर सिंह, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम।


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