एसीडी पर कन्फेडरेशन ने भी जताया विरोध, वापस लेने की मांग
बजली निगम द्वारा अग्रिम खपत जमा (एसीडी) के नाम पर अतिरिक्त राशि बिजली बिलों में जोड़कर भेजे जाने का कन्फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए (सीआरडब्ल्यूए) ने भी कड़ा विरोध किया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : बिजली निगम द्वारा अग्रिम खपत जमा (एसीडी) के नाम पर अतिरिक्त राशि बिजली बिलों में जोड़कर भेजे जाने का कन्फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए (सीआरडब्ल्यूए) ने भी कड़ा विरोध किया है। शहर के आरडब्ल्यूए के सामूहिक संगठन सीआरडब्ल्यूए के प्रधान एनके गर्ग एडवोकेट की अध्यक्षता में सेक्टर-15ए सामुदायिक केंद्र में हुई बैठक में विभिन्न रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान व महासचिवों ने एक स्वर में हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (एचईआरसी) के एसीडी पर लिए गए फैसले को वापस लेने की मांग की है।
प्रधान एनके गर्ग और महासचिव एएस गुलाटी ने कहा कि दो औसतन बिजली बिल के बराबर एसीडी की राशि बिलों में भेज कर इसे अनिवार्य रूप से जमा कराने का फैसला उपभोक्ताओं पर बड़ा आर्थिक बोझ डालने जैसा है। एक और लोग कोरोना महामारी में आर्थिक रूप से तंगी का सामना कर रहे हैं, दूसरी ओर बिजली निगम एसीडी के नाम पर भारी-भरकम बिल भेज रहा है। यह आम जनता पर जले पर नमक छिड़कने जैसा है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। कन्फेडरेशन ने बिजली बिलों को भी दो माह की बजाय प्रति माह भेजे जाने की मांग की। बैठक में मौजूद विभिन्न सेक्टरों की आरडब्ल्यूए से आए प्रतिनिधियों में सुबोध नागपाल, गजराज नागर, डीसी गर्ग, शिव सिंह मलिक, सत्यवीर दहिया, दीपक वर्मा, विजय, महेश वशिष्ठ, आरके गुप्ता, जेके गुप्ता, अमर सिंह, आरएस मावी, यशपाल दत्ता, जयवीर चौधरी, सिद्धार्थ सैनी, राकेश खन्ना, भोपाल सिंह, बलवंत शर्मा, पवन चांदना, रेखा चौधरी, डा. मधु गुप्ता,, वीरपाल, अजीत नंबरदार, जयबीर दायमा, रणवीर चौधरी, दीपक वर्मा ने भी कन्फेडरेशन की मांग से सहमति जताई और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की।
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कन्फेडरेशन के पदाधिकारियों को केंद्रीय राज्य मंत्री, परिवहन मंत्री और विधायकों से मिलकर उनके समक्ष यह मुद्दा उठाना चाहिए। सरकार के इस निर्णय से उपभोक्ता परेशान हैं।
- गोपाल सिंह, सेक्टर-49
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मध्यमवर्गीय ईमानदार और नियमित रूप से अपना बिल जमा कराने वाले उपभोक्ताओं पर एसीडी के अतिरिक्त भार से राहत मिलनी चाहिए। यह फैसला तर्कसंगत नहीं है।
- एसके मल्होत्रा, सेक्टर-15ए
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बढ़ी हुई एसीडी केवल बकायादारों से ही वसूलनी चाहिए। इस आदेश को तुरंत वापस लेना जरूरी है तभी उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
- एसके दलाल, सेक्टर-16
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कोरोना में लाकडाउन के बाद से आम आदमी मुश्किलों से जूझ रहा है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और वापस लेना चाहिए। -रणवीर चौधरी, प्रधान आरडब्ल्यूए सेक्टर-9