चार हजार महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहे स्वयं सहायता समूह से चार हजार महिलाएं जुड़ेंगी।
प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहे स्वयं सहायता समूह का दायरा बढ़ने वाला है। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब समूह से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम करने वाली मजदूर महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा। इस पहल से न केवल इन महिलाओं को मजदूरी करने से छुटकारा मिलेगा बल्कि ये आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी।
योजना पर काम भी शुरू हो चुका है। गांव-गांव में मनरेगा के तहत काम करने वाली महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बता दें जिले में चार हजार से अधिक महिलाएं मनरेगा से जुड़ी हुई हैं। मनरेगा के तहत प्रत्येक परिवार को एक वित्त वर्ष में कम-से-कम 100 दिन काम देने का प्रविधान है। हर साल इसके लिए अलग से बजट तय किया जाता है। 10 हजार महिलाएं जुड़ी हैं समूह से
जिले में 950 महिला स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं। इनसे 10 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। लगभग हर गांव की कुछ महिलाएं समूह से जुड़ी हुई हैं। कुछ महिलाएं बेहतर काम भी कर रही हैं। समूह से जुड़ने के बाद कई महिलाओं की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इन महिलाओं ने राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पुरस्कार भी जीते हैं। इन्हीं महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे उत्पाद देशभर के विभिन्न मेलों में आकर्षण का केंद्र भी रहते हैं। निरक्षर महिलाएं भी कर रहीं बेहतर काम
इन समूह में काम करने के लिए जरूरी नहीं है कि महिलाएं पढ़ी-लिखी हों। कम पढ़ी लिखी या निरक्षर महिला के लिए भी समूह में कई प्रकार के काम हैं। क्योंकि मनरेगा के तहत अधिकतर निरक्षर महिलाएं ही काम कर रही हैं, इसलिए समूह से जुड़ने में उन्हें कोई परेशानी भी नहीं होगी। स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद महिलाएं एक-दूसरे को आगे बढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित करती हैं। ग्रुप में कौन क्या-क्या काम कर रहा है, इसे देखकर महिलाएं अपना भी काम शुरू कर देती हैं। समूह से जुड़कर महिलाएं घर बैठे ही अपना कोई काम कर सकती हैं। इसमे आसान किस्तों पर बैंक से ऋण मिल जाता है।
-शिवम तिवारी, राज्य समन्वयक, हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन।