जिले को मिला 200 कुंतल ढेंचा
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: लगातार फसल पैदा करने से जमीन की उर्वरा शक्ति काफी कमजोर हो
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: लगातार फसल पैदा करने से जमीन की उर्वरा शक्ति काफी कमजोर होती जा रही है और उत्पादन घटता जा रहा है। यदि जमीन में इसी तरह से रासायनिक खादों और दवाओं का उपयोग किया जाता रहा तो, भूमि बंजर हो सकती है। जमीन की उर्वरा को बनाए रखने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने जिला फरीदाबाद को 200 क्विंटल ढेंचा दिया है। ढेंचा को डेढ़ से दो फुट बढ़ने के बाद जोत कर खेती में हरी खाद डालने का काम किया जाता है।
अब आबादी बढ़ने के कारण किसानों की जमीन टुकड़ों में बट रही है। जमीन के टुकड़े होने के कारण किसान गेहूं, धान व अन्य फसलों का लगातार उत्पादन करते रहते हैं। पहले खेत खाली पड़े रहते थे, जिससे जमीन की उर्वरा लगातार बनी रहती थी। अब सरकार जमीन की उर्वरा को बनाए रखने के लिए ऑर्गेनिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है। इसी योजना के तहत केंचुआ खेतों में छोड़े जाते हैं। सरकार ने जिले में 85 हेक्टेयर भूमि पर समर मूंग उगाने के लिए बीज दिया है। अब सरकार ने 200 क्विंटल ढेंचा दिया है। एक किसान को दो एकड़ के लिए 24 किलोग्राम ढेंचा दिया जाएगा। हम 100 क्विंटल फरीदाबाद और 100 क्विंटल बल्लभगढ़ में ढेंचा का बीज देंगे। किसानों को 12 किलोग्राम ढेंचा का बैग 215 रुपये में दिया जाएगा। ढेंचा के लिए क्षेत्रीय कृषि अधिकारी से परमिट लेकर हरियाणा बीज विकास निगम की दुकान चावला कॉलोनी बल्लभगढ़ जाना होगा। वहीं बीज दिया जाएगा।
-डॉ. आत्माराम गोदारा, उपनिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग फरीदाबाद