नाटक मंचन से दिया संस्कारों पर जोर
रोज गार्डन स्थित ओपन एयर थियेटर में दो नाटकों वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी और शैतान नामक नाटक का मंचन हुआ।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : थियेटर फेस्टिवल के दूसरे दिन रोज गार्डन स्थित ओपन एयर थियेटर में दो नाटकों वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी और शैतान नामक नाटक का मंचन हुआ। विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में फोर्थ वाल प्रोडक्शंस की ओर से आयोजित फेस्टिवल की शुरुआत स्ट्रिंग्स आफ ज्वाय बैंड ने की, जिसमें सुनील और विशाल ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद पहला नाटक वो कागज की कश्ती, वो बारिश का पानी का मंचन किया गया। यह नाटक मुंशी प्रेमचंद की दो कहानियां बड़े भाई साहब और चोरी पर आधारित था, जिनमें बचपन के बारे में बताया गया। नाटक में बच्चों में संस्कारों को रोपित करने के साथ ही बदलते हुए परिवेश और नैतिक मूल्यों में होते हुए बदलावों के उदाहरण भी दिखाई गए हैं। नाटक बच्चों के साथ ही बड़ों के सामने भी कई उदाहरण प्रस्तुत करता है। नाटक में दिखाया गया कि बड़ा भाई किताबी कीड़ा होने के बावजूद भी हर बार फेल हो जाता है, वहीं छोटा भाई मस्ती करते हुए भी पास हो जाता है। नाटक में शानू शफीक, शरद कुमार, दीप चंद प्रजापति, योगेश सिंह, कार्तिकेय सक्सेना, रूनी मिश्रा, स्पृहा चंद्रा, तरुण, अरशद, अर्जुन, हर्षुल, हिमांशु, कविता, शिप्रा,तथा सागर ने अहम भूमिका निभाई। इस नाटक का निर्देशन सुंदर लाल छाबड़ा ने किया। शैतान नामक नाटक का मंचन भी किया गया। खलील जिब्रान की कहानी दी पास्टर एंड सेटर पर आधारित नाटक में इंसान और शैतान, धर्म और भगवान के ताने-बाने को बुना गया। शहरवासियों ने दोनों नाटकों का भरपूर आनंद लिया।