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कौराली में 10 साल पहले बने स्कूल भवन की होगी जांच

कौराली गांव में करीब 10 साल पहले राजकीय कन्या उच विद्यालय में बने चार कमरों के ढांचे की जांच होगी। यह देखा जाएगा कि इन कमरों के निर्माण के दौरान किस तरह की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया था। साथ ही इसकी भी जांच की जाएगी कि क्या ये कमरे सुरक्षित हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 04:46 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 04:46 PM (IST)
कौराली में 10 साल पहले बने स्कूल भवन की होगी जांच
कौराली में 10 साल पहले बने स्कूल भवन की होगी जांच

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कौराली गांव में करीब 10 साल पहले राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में बने चार कमरों के ढांचे की जांच होगी। यह देखा जाएगा कि इन कमरों के निर्माण के दौरान किस तरह की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया था। साथ ही इसकी भी जांच की जाएगी कि क्या ये कमरे सुरक्षित हैं। इस जांच के बाद ही तय किया जाएगा कि कमरों में बच्चों को पढ़ाया जाए या नहीं। यह मामला शनिवार को ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के समक्ष उठा था।

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आरटीआइ एक्टिविस्ट एसोसिएशन के प्रधान अजय बहल ने इस मामले की शिकायत शासन-प्रशासन से की थी। उन्होंने बताया कि 2012 में कौराली गांव के राजकीय उच्च विद्यालय में चार कमरे बनवाए गए थे। 29 नवंबर 2019 को कमरों की जांच में इन्हें छात्रों के लिए असुरक्षित पाया गया। इसलिए कमरों को बंद कर दिया गया। शिक्षा विभाग के एसडीओ दत्तात्रेय ने बताया कि जब वह जांच के लिए पहुंचे तो कमरों के निर्माण में अनियमितताएं मिलीं। टाईबीम का सरिया बाहर निकल रहा था जो बिल्कुल गला हुआ था। हाथ से खींचने पर वह बाहर निकल आया। लेंटर की मोटाई भी नियमानुसार नहीं था। इसके अलावा और भी कई अनियमितताएं थीं। इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दी गई और रिपोर्ट में लिख दिया गया कि पूरे ढांचे की जांच कराने के बाद ही इसके अंदर बच्चों को बिठाया जाए। तभी से कमरों को असुरक्षित बताते हुए बंद कर दिया गया। इसके बाद यह जांच आगे नहीं बढ़ सकी।

अजय बहल ने ग्रीवेंस कमेटी में उपमुख्यमंत्री से कहा कि लोक निर्माण विभाग या अन्य किसी विभाग के स्ट्रक्चर इंजीनियर से इसकी जांच होनी चाहिए। यदि अनियमितताएं मिलती हैं तो जिसने भी कमरों का निर्माण कराया है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि यहां बच्चों की जान का सवाल है। साथ ही भविष्य में स्कूल के अंदर किसी भी तरह का निर्माण लोक निर्माण विभाग या अन्य विभाग से कराया जाए।

काफी जर्जर हैं स्कूल

अजय बहल ने बताया कि जिलेभर के अन्य सभी जर्जर स्कूलों की जांच होनी चाहिए। अधिकतर गांव में स्कूलों की हालत खराब है। जिनमें हजारों बच्चे रोज शिक्षा ग्रहण करते हैं। इनकी जान को खतरा है। सभी इमारत की जांच होने के बाद ही इनमें पढ़ाई करानी चाहिए।


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