महिलाओं ने पहले संवारी ग्रीनबेल्ट, फिर बनाया फ्रूट एंड किचन गार्डन
जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई संस्थाएं काम कर रही हैं।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : जिले में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई संस्थाएं काम कर रही हैं। स्वच्छता अभियान से जुड़कर वातावरण को शुद्ध करने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। सेक्टर-16ए की मीता मक्कड़ तथा यशोदा चौहान की सेवाएं अपने आप में मिसाल बन गई हैं। इन्होंने सबसे पहले मिलकर कचरे के ढेर को ग्रीनबेल्ट से हटवाया।
पहले ग्रीनबेल्ट पर कचरे के ढेर लगे रहते थे। जब ग्रीनबेल्ट साफ हो गई तो इन्होंने यहां फ्रूट एंड किचन गार्डन बनाने की पहल की। किचन गार्डन में धनिया, प्याज, आलू, गोभी तथा आंवला के पौधे बोए गए हैं। इसके अलावा कई किस्मों के फूलों के पौधे भी लगाए गए हैं।
स्थानीय निवासी मीता मक्कड़ कहती हैं कि ओल्ड फरीदाबाद मेट्रो स्टेशन के पास पहले ग्रीनबेल्ट पर खत्ता बना हुआ था। उन्होंने काफी प्रयास किया। ग्रीनबेल्ट की सफाई कराई गई। फिर विचार किया क्यों न यहां इस तरह से ग्रीनबेल्ट को संवारा जाए, जिससे औरों को भी प्रेरणा मिले। धीरे-धीरे कई लोगों द्वारा मिलकर ग्रीनबेल्ट को संवारा जाने लगा। पौधे लगाए गए। पूरे ग्रीनबेल्ट क्षेत्र को लोहे के तार से कवर किया गया है, ताकि पौधों की सही तरीके से देखभाल हो सके। अब तो फ्रूट एंड किचन गार्डन के लिए रोटरी क्लब आफ फरीदाबाद मिड टाउन के पूर्व अध्यक्ष जेपी सिंह मक्कड़ के सहयोग से एक माली का भी इंतजाम किया गया है। पहले जहां कचरे के ढेर लगे रहते थे। अब वहां फल-फूल और सब्जियों के पौधे ही पौधे हैं। कई महिलाओं ने मिलकर ग्रीनबेल्ट को संवारा है। मैं भी रोटरी क्लब की ओर से हरसंभव सयोग करता हूं।
-जेपी सिंह मक्कड़, पूर्व अध्यक्ष, रोटरी क्लब आफ फरीदाबाद मिड टाउन