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तेंदुए की आहट से दहशत, भैंस को मारे पंजे

ग्रामीण क्षेत्र में एक बार फिर तेंदुए की आहट महसूस की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 08:34 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 06:17 AM (IST)
तेंदुए की आहट से दहशत, भैंस को मारे पंजे
तेंदुए की आहट से दहशत, भैंस को मारे पंजे

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : ग्रामीण क्षेत्र में एक बार फिर तेंदुए की आहट महसूस की जा रही है। इससे दहशत का माहौल है। गांव सागरपुर में पिछले दिनों एक महिला को किसी जंगली जानवर ने हमला कर घायल किया था। बताया जा रहा था कि यह तेंदुआ था और अब फिर भैंस पर पंजे से खरोंच के निशान मिले हैं। ग्रामीण फिर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह तेंदुआ ही है, जबकि पुलिस और वन्य प्राणी विभाग की टीम इसे तेंदुआ मानने के लिए तैयार नहीं है।

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21 अगस्त को सीसीटीवी कैमरे में दिखा था तेंदुआ

सबसे पहले 21 अगस्त को गांव जाजरू में एनटीपीसी के सीसीटीवी कैमरे में दो तेंदुए देखे गए थे। इसके बाद 22 अगस्त को सागरपुर और मलेरना गांव के बीच सड़क पर पियाला के एक युवक ने कार के आगे से जाते हुए देखा। 26 अगस्त को गांव सागरपुर में खेत में कपास बीनते समय कमलेश नाम की महिला को पंजे मारने की घटना सामने आई थी। अब गांव सागरपुर में ही चरण सिंह रावत की भैंस को पंजे मार कर खरोंच के निशान मिले हैं। गांव सुनपेड़ के पूर्व सरपंच बिजेंद्र सिंह के खेतों में भी पंजों के निशान मिले हैं। ग्रामीणों ने इसके बारे में थाना सदर और वन्य प्राणी विभाग को भी सूचना दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर वन्य प्राणी विभाग के निरीक्षक चरण सिंह और थाना सदर प्रभारी सुभाष चंद पहुंचे। हालांकि पुलिस व वन्य प्राणी विभाग ने निशान तेंदुआ के होने से एक बार इन्कार किया। जब तेंदुआ किसी को खा जाएगा, तभी प्रशासनिक अधिकारी मानेंगे। फिलहाल सभी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं और ग्रामीणों को झूठा ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।

-रणवीर सिंह, ग्रामीण मान लिया तेंदुआ नहीं है, कोई दूसरा जानवर है। कम से कम उसे ही ढूंढ ले वन्य प्राणी विभाग। ग्रामीणों के दिल-दिमाग से तेंदुआ होने का भय तो खत्म हो जाएगा। इस मामले में एसडीएम व उपायुक्त को भी कदम उठाने चाहिए।

-श्याम लाल, ग्रामीण भैंस को तेंदुए ने नहीं खरोंचा। यदि तेंदुआ पंजे मार कर खरोंचता, तो निशान की दूरी ज्यादा नहीं होती। खरोंच के निशान में दूरी ज्यादा है। इसलिए ये तेंदुआ नहीं है।

-सुभाष चंद, प्रभारी थाना सदर ऐसा भी हो सकता है कि भैंस ने खुद अपना शरीर किसी नुकीली चीज से रगड़ लिया हो। तेंदुआ कहीं पर भी नहीं है। पिछले 10-15 दिन से तेंदुआ होने का प्रचार किया हुआ है।

-चरण सिंह, निरीक्षक वन्य प्राणी विभाग


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