स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक बन रहा परिवार परामर्श केंद्र
घर-परिवार में छोटे-मोटे मनमुटाव कई बार बड़े बिखराव का कारण बन जाते हैं।
अनिल बेताब, फरीदाबाद : घर-परिवार में छोटे-मोटे मनमुटाव कई बार बड़े बिखराव का कारण बन जाते हैं। ऐसा भी होता है, जब समय रहते परिवार में एक-दूसरे के मतभेद दूर हो जाएं, तो घर बिखरने से बच जाते हैं। काउंसिलिग से सोच बदल जाती है। सास-बहू व पति-पत्नी के विवादों को निपटाने में समाज कल्याण बोर्ड के सौजन्य से चल रहे जिला रेडक्रास सोसायटी के परिवार परामर्श केंद्र की बड़ी भूमिका है। अप्रैल, 2021 से जनवरी 2022 तक परिवार परामर्श केंद्र में ऐसे ही अलग-अलग परिवारों के 96 मामले आए हैं। इनमें से दोनों पक्षों को बुलाकर काउंसिलिग करके 82 मामले निपटाए गए हैं। केस-एक
एनआइटी नंगला एन्क्लेव निवासी एक दंपती की दो बेटियां हैं। पति शराब पीता है। पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता था कि अब इन दो बेटियों के विवाह पर खर्चा कैसे करेंगे। पति दवाब बना रहा था कि पत्नी अपने मायके वालों से ही खर्चा लाए और बेटियों के लिए दहेज इकट्ठा करे। दोनों का यह विवाद जिला रेडक्रास सोसायटी के परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। इसके बाद पति-पत्नी को केंद्र में बुलाया जाने लगा। काउंसलर आशा सिंह ने समझाया कि बेटियां तो दोनों की ही हैं। माता-पिता की जिम्मेदारी है बेटियों का घर बसाना। कई बार काउंसिलिग के बाद दोनों पति-पत्नी समझ गए। केस-दो
डबुआ कालोनी का मामला है। पत्नी निजी कंपनी में मजदूरी करती है और पति ड्राइवर है। लाकडाउन में काम छूटा तो पति-पत्नी के बीच झगड़ा होने लगा। पत्नी की शिकायत थी कि उनके पति घर के खर्चे पर ध्यान नहीं देते। नौबत तलाक तक पहुंचने लगी। किसी ने महिला को सलाह दी कि वह परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत कर दे, तो राहत मिल सकती है। मामला सामने आने के बाद केंद्र में दोनों पक्षों को बुलाया गया। चार बार काउंसिलिग हुई, तो दोनों को समझ में आ गया कि हालात कैसे भी हों, मिलकर मुकाबला करना चाहिए। इस तरह पति-पत्नी के मतभेद दूर हो गए। हम समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों और सामुदायिक केंद्रों में परिवार जागरूकता शिविर लगाते हैं। इन शिविरों में लोगों को जागरूक किया जाता है। उन्हें बताया जाता है कि अगर किसी परिवार में कोई विवाद है, तो आपस में बैठकर सुलझा लें। परिवार परामर्श केंद्र में भी अपनी शिकायत दे सकते हैं। हम परिवारों को बिखरने से बचाने का प्रयास करते हैं।
-आशा सिंह, काउंसलर, परिवार परामर्श केंद्र।