किसान फसल लेकर पहुंचे मंडी, खरीदार हड़ताल पर
राइस मिल मालिकों ने भी कह दिया है जब तक सरकार आढ़तियों की समस्या का समाधान नहीं कर देती है तब तक फसल को नहीं खरीदा जाएगा। अब किसान का सवाल है कि फसल को लेकर कहां जाएं।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़: शुक्रवार को किसान फसल बेचने के लिए मंडी पहुंचे, लेकिन यहां उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला। वे पूरे दिन खरीदारों के आने की इंतजार में बैठे रहे। दरअसल, आढ़ती अपनी पांच मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। गांव मांदकौल के रहने वाले किसान विष्णु का कहना है कि उन्होंने परमल धान की फसल लगाई थी। अब फसल पक चुकी है और वे इसे मंडी लेकर आए हैं। यहां बताया जा रहा है कि मंडी में धान कोई नहीं खरीदेगा, क्योंकि सभी आढ़ती हड़ताल पर हैं। राइस मिल मालिक भी नहीं आए हैं। राइस मिल मालिकों ने भी कह दिया है, जब तक सरकार आढ़तियों की समस्या का समाधान नहीं कर देती है, तब तक फसल को नहीं खरीदा जाएगा। अब फसल को लेकर कहां जाएं। इन मांगों को लेकर आढ़ती हड़ताल पर
- मार्केट फीस बाहर माफ की जा रही है, तो मंडी के आढ़ती पर भी माफ की जाए।
-लस्टर लॉस काटा गया है, वो आढ़तियों से नहीं काटा जाना चाहिए। लस्टर लॉस किसान से काटा जाए या फिर सरकार वहन करे।
-सरकार ने देरी से भुगतान करने पर आढ़ती से ब्याज ले लिया, लेकिन सरकार ने किसानों को ब्याज नहीं दिया। आढ़तियों से लिया ब्याज किसानों को दिया जाए।
-कोरोना काल में सरकार ने मजदूरों को दो तरह से मजदूरी दी है। अप्रैल में नौ रुपये प्रति कट्टा और मई में 14 रुपये प्रति कट्टा दिया है, जबकि मजदूरी में दो स्लैब की बजाय एक ही स्लैब लागू होना चाहिए।
-सरकार ने सरसों और गेहूं की खरीद का कमीशन अभी तक आढ़तियों को नहीं दिया है। सरकार को दोनों फसलों का कमीशन तुरंत देना चाहिए। हमारी पांच मांगें जब तक पूरी नहीं होंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। सरकार आढ़तियों में भी फर्क पैदा कर रही है। जो आढ़ती मंडी से बाहर फसल खरीदेगा उसपर कोई कर नहीं। जो मंडी में फसल बेचेगा, उस आढ़ती से मार्केट फीस वसूल की जाएगी। जबकि उन्होंने इतनी महंगी दुकानें खरीदी हुई हैं। सरकार को मंडी में बैठे आढ़तियों से मार्केट फीस वसूल नहीं करनी चाहिए।
-सुनील भारद्वाज, प्रधान व्यापारी एसोसिएशन अनाज बल्लभगढ़।