ुमोहब्बत और खुलूस के साथ मनाई गई मीठी ईद
जिले में ईद उल फितर मीठी ईद का त्यौहार बड़ी ही मोहब्बत और खुलूस के साथ मनाया गया। मस्जिदों में अमन की दुआएं मांगी गई और अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने की हिदायत दी गई। ईद की नमाज पढ़कर लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर आपस में मुबारकबाद दी।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिले में ईद उल फितर मीठी ईद का त्योहार बड़ी ही मोहब्बत और खुलूस के साथ मनाया गया। मस्जिदों में अमन की दुआएं मांगी गई और अल्लाह के बताए रास्ते पर चलने की हिदायत दी गई। ईद की नमाज पढ़कर लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर आपस में मुबारकबाद दी। इसके बाद एक दूसरे के घर जाकर खीर सेवइयां देने और खाना खिलाने का सिलसिला शुरू हुआ। मीठी ईद के दिन घर-घर में ही सेवइयां के अलावा कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं।
ईद की नमाज से पहले मस्जिदों में इमाम साहब ने शरीयत के बताए रास्ते पर चलने की हिदायत दी। ओल्ड फरीदाबाद ईदगाह मस्जिद में ईद मिलन समारोह आयोजित किया गया। मौलाना मुफ्ती मुस्तजाब उद्दीन ने फरमाया कि मीठी ईद रोजों का शुकराना है। कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार कुरैशी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। मंसूरी समाज के अध्यक्ष शाहनवाज मंसूरी विशिष्ट अतिथि थे। हाजी अब्दुल कुरैशी ने कहा कि ईद का पैगाम भाईचारे को बढ़ावा देना है। अल्लाह के प्यारे नबी ने जो हमें रास्ता दिखाया है, हमें उसी राह पर चलना चाहिए और भाईचारा कायम रखना चाहिए।
कार्यक्रम में हाजी यूसुफ अब्बासी, अलीमुद्दीन, इलियास पठान, सोहेल अहमद, अकील अंसारी, शाहिद कुरेशी, जावेद कुरेशी और वकील अहमद भी विशेष रूप से मौजूद रहे। गांव धौज में समाजसेवी मुस्ताक खान के घर ईद मिलन समारोह किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व वरिष्ठ उपमहापौर मुकेश शर्मा विशिष्ट अतिथि थे। इनके अलावा एनआइटी जवाहर कॉलोनी, ओल्ड फरीदाबाद जामा मस्जिद, मस्जिद ऊंचा गांव के अलावा शहर की विभिन्न मस्जिदों में ईद की नमाज पढ़ी गई। बल्लभगढ़ में मेन बाजार की मस्जिद में नमाज पढ़ी गई। इस दौरान राजू खान, संजय खान, मुईन खान मौजूद थे। ईदी मिली तो खिल गए चेहरे
ईद के मौके पर एक-दूसरे के घर जाकर बड़ों ने छोटों को ईदी दी। ईदी के रूप में उपहार और नकदी दी गई। एनआइटी मस्जिद नूर के इमाम मौलाना अख्तर ने कहा कि ईद रोजों का शुकराना तो है ही आपस में प्यार मोहब्बत बढ़ाने का भी एक जरिया है। इसी मकसद से ईद से पहले फितरा अदा किया जाता है और साथ ही जब एक दूसरे के घर परिवार में जाते हैं तो बच्चों को प्यार के रूप में ईदी ही देते हैं।