शुद्ध नीर के लिए सह रहे पीर
एनआइटी फरीदाबाद का नंगला एन्क्लेव भाग दो करीब 20 हजार से अधिक आबादी वाला क्षेत्र है मगर यहां रेनीवेल की पाइपलाइन ही नहीं है। जो ट्यूबवेल लगे हैं उनसे कभी खारे तो कभी दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : एनआइटी फरीदाबाद का नंगला एन्क्लेव भाग दो की करीब 20 हजार से अधिक आबादी शुद्ध नीर के लिए पीर सह रही है। यहां रेनीवेल की पाइपलाइन तक नहीं है। जो ट्यूबवेल लगे हैं, उनसे कभी खारे, तो कभी दूषित पानी की आपूर्ति होती है। कोरोना संकटकाल और भीषण गर्मी में लोगों को दूर-दराज के क्षेत्रों से पेयजल लाना पड़ता है। आश्चर्य तो ये कि कई बार जनप्रतिनिधियों और निगम अधिकारियों से शिकायत के बाद भी मामला सिफर है। हालत ये है कि कुछ समय पहले गली नंबर-2, शिव मंदिर के पास एक ट्यूबवेल लगा था, जिसे खारे पानी की आपूर्ति होने के चलते बंद कर दिया गया। अब इस क्षेत्र में गाजीपुर के ट्यूबवेल से जलापूर्ति होती है। लोगों की नाराजगी है कि वहां से भी शुद्ध पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। सरपंच चौक, गली नंबर-2 के आसपास तीन हजार से अधिक की आबादी है। यहां एक भी ट्यूबवेल नहीं है। आसपास की गलियों में जहां ट्यूबवेल हैं, वहां का पानी पीने योग्य नहीं है। वर्जन..
हमारे यहां खारे पानी की आपूर्ति हो रही है। इससे हम बर्तन और कपड़े ही धो पाते हैं। यह पेयजल योग्य नहीं है।
-रजनी। भीषण गर्मी में पानी की मांग बढ़ेगी, मगर हैरानी है कि यहां वर्षों से किसी ने पेयजल किल्लत दूर करने पर ध्यान ही नहीं दिया।
-झम्मन शर्मा, नंगला एन्क्लेव, भाग दो निवासी। कुछ समय पहले शिव मंदिर के पास एक ट्यूबवेल लगा था, मगर उसे बंद कर दिया गया। पानी न आने से लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है।
-हरप्रसाद। हमारे क्षेत्र में न तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और न ही जल निकासी का इंतजाम। इससे बड़ी आबादी वाले इस क्षेत्र में लोग परेशान हैं।
-संजय गुप्ता। गर्मी में कई क्षेत्रों में पेयजल किल्लत है। हम ऐसे क्षेत्रों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति कर रहे हैं। नंगला एन्क्लेव भाग दो में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था कराई जाएगी।
-मदन लाल शर्मा, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम।