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साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत करें 155260 पर काल

अगर आपके साथ साइबर ठगी हो जाती है तो तुरंत 155260 पर काल करें।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 06:48 PM (IST)
साइबर ठगी का शिकार होने पर  तुरंत करें 155260 पर काल
साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत करें 155260 पर काल

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : अगर आपके साथ साइबर ठगी हो जाती है तो तुरंत 155260 पर काल करें। ऐसा करने पर साइबर ठगों द्वारा उड़ाया गया आपका रुपया आपके पास वापस की उम्मीद बंध जाती है। पुलिस की तरफ से इस संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है। साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि यह मोबाइल नंबर गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया है। इस पर काल करने से वह खाता सीज कर दिया जाएगा, जिसमें आपका रुपया गया है। उस खाते से कोई व्यक्ति रुपया नहीं निकाल पाएगा। बाद में आपका रुपया आपको वापस मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नंबर का अधिक से अधिक प्रचार करें। अपने दोस्तों, रिश्तदारों व परिचितों के मोबाइल में यह नंबर जरूर सेव कराएं। केवाइसी के नाम पर होती है सबसे ज्यादा ठगी

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उन्होंने बताया कि कोरोना के समय में साइबर अपराध में बढ़ोतरी हुई है। लोगों को केवाइसी के लिए मैसेज किए जा रहे हैं। उन्हें कहा जा रहा है कि 24 घंटे का समय है अगर केवाइसी नहीं कराई तो खाता बंद कर दिया जाएगा। साइबर अपराधी केवाइसी कराने के लिए अपना मोबाइल नंबर भी देते हैं ताकि साफ्ट टारगेट को चुनकर ठगा जा सके। कोई उपभोक्ता मैसेज में दिए गए नंबर पर काल करता है तो साइबर ठग उनको केवाइसी का झांसा देकर एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट या टीम व्यूवर जैसे एप डाउनलोड करा देते हैं। इसके बाद वे इन एप से उपभोक्ता का मोबाइल आपरेट कर रुपये उड़ा लेते हैं। इन एप के जरिये दूर बैठा व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का मोबाइल आपरेट कर सकता है। इस तरह की ठगी बड़ी संख्या में हो रही है। ध्यान देने योग्य बातें

साइबर अपराधी मैसेज भेजने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, जबकि कंपनी का अपना सिस्टम होता है। पेमेंट गेटवे कंपनी मैसेज भेजने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नही करती है। भेजे गए मैसेज में भी साइबर अपराधी मोबाइल नंबर देते हैं, जबकि कंपनी लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल करती हैं। कंपनी मैसेज में मोबाइल नंबर का जिक्र नही करती हैं। साइबर अपराधी द्वारा किए गए मैसेज में अंग्रेजी व्याकरण की काफी खामियां होती है। जैसे बिना वजह कैपिटल लेटर का इस्तेमाल करना और बेतरतीब तरीके से फुल स्टाप, कामा लगाना। इन सुझावों का करें पालन

-जब भी आप केवाइसी से संबंधित मैसेज प्राप्त करते हैं कि आपका अकांउट 24 घंटे के अंदर बंद कर दिया जाएगा तो घबरांए नहीं। इस तरह के किसी भी मैसेज और काल का जवाब न दें और इनके साथ अपने किसी भी गोपनीय जानकारी को साझा न करें।

-अगर किन्हीं कारणों से आपका अकांउट बंद कर दिया जाता है तो कंपनी के कस्टमर सर्विस नंबर पर काल कर इसकी जानकारी लें।

-कहीं भी पैसा भेजने से पहले पूरी पड़ताल कर लें।

-साइबर ठग आपकी मेहनत की कमाई को हड़पने के लिए नए-नए हत्थकंडे अपना रहे हैं। बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी लेने के लिए या तो उनके टोल फ्री नंबर पर फोन करें या फिर बैंक विजिट करें। जागरूकता ही साइबर ठगी से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है। लोग जागरूक रहें। किसी को अपने बैंक खाते, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी न दें, किसी को ओटीपी भी शेयर न करें और किसी अन्जान लिक पर भी क्लिक न करें। अगर ठगी के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत पुलिस को शिकायत दें।

-नितिश अग्रवाल, डीसीपी हेडक्वार्टर इनसेट..

इन तरीकों से भी होती है ठगी क्यूआर कोड भेजकर ठगी

साइबर ठग एक क्यूआर कोड भेजकर उसे स्कैन करने के लिए कहते हैं। अधिकतर लाटरी या डिस्काउंट का लालच दिया जाता है। जैसे ही लोग उस क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, उनके खाते से रुपये साफ हो जाते हैं। लाइफ इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर ठगी

लाइफ इंश्योरेंस की बंद पड़ी पालिसी को दोबारा शुरू करने या पालिसी में मोटे मुनाफे का झांसा देकर ठगी के मामले खूब आ रहे हैं। इसमें लोगों से पंजीकरण, जीएसटी सहित अन्य झांसा देकर खातों में रुपये डलवाए जाते हैं। नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी

ठगी का यह तरीका भी खूब चल रहा है। इसमें ठग नौकरी तलाश रहे लोगों का डाटा एकत्र कर लेते हैं। फिर उन्हें बड़ी कंपनी में नौकरी का आफर दिया जाता है। इसके बाद पंजीकरण, पासपोर्ट, ट्रेनिग सहित अन्य झांसा देकर लोगों से रुपये हड़पे जाते हैं।


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