बातों में उलझाकर डेबिट कार्ड बदला, उड़ाए 1.48 लाख रुपये
ठगों ने एटीएम में रुपये निकालने आए एक युवक को अपनी बातों में उलझाकर 1.48 लाख रुपये उड़ा लिए।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : ठगों ने एटीएम में रुपये निकालने आए एक युवक को अपनी बातों में उलझा लिया और धोखे से उसका डेबिट कार्ड बदल दिया। बाद में उसके खाते से 1.48 लाख रुपये उड़ा लिए। युवक की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जवाहर कालोनी निवासी मोहम्मद साकिर ने पुलिस को बताया कि 7 जनवरी की सुबह करीब साढ़े 10 बजे उसने अपने बेटे मोहम्मद शारिक को एनआइटी एक-दो चौक स्थित कोटक महिद्रा बैंक के एटीएम से रुपये निकालने भेजा था। जब उसके बेटे ने एटीएम से 10 हजार रुपये निकाले। उसी समय उसके बेटे के पीछे खड़े हुए दो लोगों ने बातों में उलझाकर उसका डेबिट कार्ड बदल लिया। इसके बाद उन्होंने उसके बैंक खाते से एक लाख 48 हजार रुपये उड़ा लिए। जब उनके मोबाइल पर मैसेज आया तो उन्हें धोखाधड़ी का पता चला। उन्होंने तुरंत पुलिस को शिकायत दी। पहले हुए मामले
15 जनवरी: एनआइटी निवासी विजय सिंह नेहरू ग्राउंड स्थित एटीएम से रुपये निकालने गए थे। वहां मौजूद युवक ने मदद के बहाने उनका डेबिट कार्ड बदल दिया। बाद में उनके खाते से 2.14 लाख रुपये उड़ा लिए।
10 जनवरी : डबुआ डिस्पेंसरी में नौकरी करने वाली ममता ने पुलिस को बताया कि 19 दिसंबर को उसने डबुआ कालोनी के एटीएम से 18 हजार रुपये निकाले। इसी बीच एक युवक वहां आया और उसने कहा कि आपकी ट्रांजेक्शन कैंसल नहीं हुई है। यह कहकर उसने डेबिट कार्ड फिर से एटीएम में डालने का नाटक किया और इसी बीच उसने डेबिट कार्ड बदल लिया। इसके कुछ देर बाद ही ममता के खाते से 53 हजार रुपये निकाले जाने का मैसेज आया। यह बरतें सावधानी
एटीएम बूथ में ठगी से बचने के लिए सबसे आवश्यक है कि बच्चे व बुजुर्गाें को रुपये निकालने के लिए ना भेजें। ठगी करने वाले बदमाश बच्चे, बुजुर्गों या भोले दिखने वाले लोगों को निशाना बनाते हैं। बूथ के अंदर किसी की मदद ना लें, अगर एक एटीएम से रुपये नहीं निकल रहे तो वहां से निकलकर दूसरे में कोशिश करें। अगर किसी की मदद लेनी पड़ जाए तो एटीएम बूथ के बाहर निकलने से पहले सुनिश्चित कर लें कि डेबिट कार्ड बदला तो नहीं गया। अपना पिन नंबर किसी के साथ भी शेयर ना करें। इस तरह के गिरोह हमारे निशाने पर हैं। संबंधित क्राइम ब्रांच को इनके बारे में इनपुट जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। पहले गिरफ्तार कर जेल भेजे गए ठगों की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
-नरेंद्र कादियान, डीसीपी क्राइम