चुटकियों में लोन देने वाले एप को दूर से करें नमस्ते
बिना किसी दस्तावेज के चुटकियों में लोन दिलाने का दावा करने वाले एप से लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : बिना किसी दस्तावेज के चुटकियों में लोन दिलाने का दावा करने वाले मोबाइल एप को दूर से ही नमस्ते कर लें। साइबर थाना पुलिस ने ऐसे एप से सावधान रहने के लिए लोगों से अपील की है। ये एप कंपनियां पहले जरूरतमंद लोगों को आसानी से लोन के जाल में फंसाती हैं। इनकी ब्याज दर बहुत अधिक होने के कारण व्यक्ति कुचक्र में फंस जाता है। इसके बाद लोन वसूली के नाम पर कंपनियों की तरफ से व्यक्ति का मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न किया जाता है। तेलंगाना में इन एप की वजह से कई लोग खुदकशी कर चुके हैं। यही कारण है कि पुलिस का ध्यान इन एप कंपनियों की तरफ गया है और लोगों को इनसे सावधान करने की जरूरत महसूस हुई। इस तरह फंसाती हैं कंपनियां :
साइबर थाना पुलिस के मुताबिक देशभर में लोन दिलाने वाली एप आधारित करीब 700 कंपनियां चल रही हैं। ये एनबीएफसी (नान बैंकिग फाइनेंस कंपनी) के तहत पंजीकृत भी हैं। कोरोना महामारी के दौरान लोग आर्थिक रूप से कमजोर हुए हैं। ये कंपनियां लोन के रूप में छोटी राशि 10-20 हजार रुपये आफर करती हैं। ज्यादातर निम्न वर्ग के लोग इनके जाल में फंसते हैं। लोन देने की प्रक्रिया के दौरान कंपनियां व्यक्ति से फोन में व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचने की अनुमति मांगती हैं। जानकारी के अभाव में लोग अनुमति दे देते हैं। कंपनियों के पास व्यक्ति के बैंक खातों से लेकर संपर्कों की जानकारी भी पहुंच जाती है। ब्याज दर अधिक होने के कारण व्यक्ति फंसता जाता है। इसके बाद लोन रिकवरी के लिए कंपनियों के काल सेंटर व्यक्ति को गाली-गलौज व धमकियां देना शुरू कर देते हैं। व्यक्ति के संपर्कों के लोगों को भी काल करके गाली-गलौज व धमकाया जाना शुरू हो जाता है। साइबर थाने के मुताबिक जिले में अभी लोन लेकर फंसने की शिकायत नहीं आई है, मगर लोगों को उनके दोस्तों या संबंधियों द्वारा लिए गए लोन के लिए गाली-गलौज व धमकी दिए जाने की शिकायतें मिली हैं। तुरंत लोन देने वाले एप से सावधान रहें। ये केवाईसी या दस्तावेज के नाम पर आपकी जानकारियां हासिल कर लेती हैं। बाद में इनका दुरुपयोग करती हैं। लोग अधिकृत बैंक से ही लोन लें तो बेहतर होगा।
-नितिश अग्रवाल, डीसीपी हेडक्वार्टर