होम आइसोलेशन में पीड़ितों की नहीं ली जा रही सुध, योजना कागजों में सिमटी
होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों को इम्युनिटी किट देने की योजना केवल कागजों पर ही चल रही है। यह योजना धरातल पर नहीं दिखाई देती है और यदि योजना चल रही है तो कुछ ही संक्रमितों तक सीमित है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों को इम्युनिटी किट देने की योजना केवल कागजों पर ही चल रही है। यह योजना धरातल पर नहीं दिखाई देती है और यदि योजना चल रही है, तो कुछ ही संक्रमितों तक सीमित है। संक्रमितों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। होम आइसोलेशन की ड्यूटी में लगा स्टाफ खानापूर्ति कर इस योजना को पलीता लगा रहा है।
योजना के तहत दिया जाना था थर्मामीटर, आक्सीमीटर
प्रदेश सरकार ने होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों को इम्युनिटी किट देने का फैसला किया था। इसके तहत मरीजों को दवाएं, थर्मामीटर, आक्सीमीटर और भाप वाली मशीन को दिया जाना सुनिश्चित किया गया था। इसके अलावा संक्रमितों की निगरानी के लिए चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ की नियुक्ति की गई है और कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम से कुछ ही संक्रमितों के पास स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का फोन जाता है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति संक्रमित होने के बाद नागरिक अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सकीय परामर्श के लिए जाता है, तो बिना सलाह दिए यह कहकर घर वापस लौटा दिया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम उनसे संपर्क करेगी। उसके बाद कोई भी स्वास्थ्यकर्मी संपर्क नहीं करता है।
बता दें कि दूसरी लहर में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों को गंभीरता से नहीं लिया जाना संक्रमण के तेजी से फैलने का प्रमुख कारण रहा था। अब दोबारा से वहीं स्थिति बन रही है। यदि स्वास्थ्य विभाग ने इन संक्रमितों पर ध्यान नहीं दिया, तो स्थिति दोबारा से बिगड़ सकती है। यह बताना भी उचित होगा कि शनिवार तक की रिपोर्ट के अनुसार होम आइसोलेशन में रह कर उपचार कराने वालों की संख्या 11308 है।
केस-1
राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआइटी के एक अध्यापक 17 जनवरी को संक्रमित हुए थे। अध्यापक के अनुसार वो सेक्टर-21डी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, वहां उन्हें चिकित्सक ने यह कह कर लौटा दिया कि होम आइसोलेशन में रहो, उनसे स्वास्थ्य टीम संपर्क करेगी, पर आज तक किसी ने नाम को भी फोन नहीं किया। अध्यापक के अनुसार उन्होंने निजी चिकित्सक से संपर्क कर अपना उपचार स्वयं किया।
केस-2
ग्रेटर फरीदाबाद की एसआरएस रेजीडेंसी सोसायटी के निवासी कमल के अनुसार 16 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। होम आइसोलेशन में रहने के दौरान उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया। उन्हें कोई इम्युनिटी किट नहीं दी गई। निजी चिकित्सक से संपर्क कर दवाएं ली। पांच दिन बाद रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए जाएंगे कि वह यह सुनिश्चित करें कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श अवश्य दिया जाए ताकि वह इलाज के लिए इधर-उधर न भटकें और स्वस्थ आबादी के बीच जाने से बचें।
- डा. विनय गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी