कोरोना जांच के लिए अब करनी होगी जेब ढीली
कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अब आमजन को अपनी जेब ढीली करनी होगी।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अब आमजन को अपनी जेब ढीली करनी होगी। प्रदेश सरकार ने कोरोना जांच के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है। केवल चिकित्सीय कारण वाले मरीजों की ही मुफ्त जांच होगी। इसे लेकर स्वास्थ्य निदेशालय ने निर्देश भी जारी किए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक हो रही कोरोना जांच मुफ्त है। इससे लोग अपनी जांच कराने नागरिक अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। न सिर्फ कोरोना संक्रमण से जुड़े लक्षण वाले, बल्कि कई लोग निजी कारणों से भी कोरोना संक्रमण की जांच करा रहे हैं। जैसे अन्य राज्यों में घूमने जाने, विदेश यात्रा, शिक्षण संस्थानों में दाखिला आदि।के लिए भी कोरोना जांच की रिपोर्ट जरूरी है। इसके अलावा इन दिनों में मौसम में आ रहे बदलाव के चलते वायरल बुखार, जुकाम, खांसी के मरीज भी बढ़ गए हैं। ये लोग चिकित्सक के परामर्श के बिना नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम) लैब में जांच कराने पहुंच जाते हैं।
अब ऐसे को व्यक्तियों को जांच कराने के लिए सरकार द्वारा तय शुल्क देना होगा। स्वास्थ्य निदेशालय के अनुसार, ये लोग स्वस्थ होते हैं। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए सैंपल देने के दौरान स्वस्थ लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि इस फैसले से संक्रमितों की संख्या में कमी आएगी। बॉक्स..
निर्धारित दर
-आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिक्एशन) जांच के लिए 1600 रुपये।
-रैपिड एंटीजन जांच के लिए 650 रुपये।
-एलाइजा टेस्ट (एंटीबॉडी पता लगाने) के लिए 250 रुपये। कम होने लगी संख्या
कोरोना जांच के लिए शुल्क निर्धारित करने से बृहस्पतिवार को संख्या भी आधी दिखी। बकौल लैब टेक्नीशियन सतपाल, पहले रोजाना 600 के करीब सैंपल लिए जाते थे, जो अब 350 दर्ज हैं। सामान्य लोगों को अपने निजी कार्यों के लिए जांच कराने पर शुल्क देना होगा। गर्भवती, आवश्यक सर्जरी वाले मरीज, फ्लू कॉर्नर के चिकित्सक की सलाह पर, कैदी, आर्थिक रूप से कमजोर लोग की मुफ्त जांच होगी। सरकार के आदेश को लागू करवा दिया गया है।
-डॉ.रामभगत, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी