एसीडी का फैसला वापस ले सरकार : हुड्डा
बिजली बिलों में अग्रिम खपत जमा (एसीडी)के नाम पर भारी भरकम राशि जोड़कर भेजे जाने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ बताया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : बिजली बिलों में अग्रिम खपत जमा (एसीडी)के नाम पर भारी भरकम राशि जोड़कर भेजे जाने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोहर सरकार का यह फैसला जनविरोधी है और इसे वापस लेना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री रविवार को पूर्व विधायक ललित नागर की माता विद्यावती के निधन पर सेक्टर-17 स्थित उनके निवास पर शोक व्यक्त करने पहुंचे थे।
शोक व्यक्त कर बाहर निकले पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि एसीडी का मामला प्रदेश के हर वर्ग और प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ा हुआ है। कोरोना काल में जहां लोगों के रोजगार छिन गए, ऐसे में यह बोझ डालना अन्याय है। उन्होंने मंडी में फसल लाने बारे शुरू किए गए मेरी फसल-मेरा ब्योरा को भी किसानों के लिए परेशानी भरा बताया। उन्होंने कहा कि मंडियों में खरीद शुरू हो चुकी है, पर किसान पोर्टल की परेशानियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों हो यह रहा है कि पहले दिन किसान अपनी फसल काटता है, दूसरे दिन पोर्टल पर फसल का ब्योरा दर्ज कराता, तीसरे दिन फसल मंडी लेकर पहुंचता और वहां पहुंचने पर उसे पता चलता है कि पोर्टल ठप पड़ा है। ऐसे में किसान या तो अपनी फसल घर लेकर वापस जाए या फिर मंडी में दिन-रात इंतजार करे। उन्होंने रोहतक में सांसद अरविद शर्मा के पिता के निधन पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल का किसानों द्वारा विरोध और लाठीचार्ज के मामले पर कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का हक सभी को हो। उन्होंने लाठीचार्ज को गलत बताया, साथ ही कहा कि सरकार के नुमाइंदों का उनके गांवों में ही प्रवेश करने पर विरोध हो रहा है। सरकार को चाहिए कि किसान संगठनों से बातचीत कर तीन कृषि कानूनों बारे उचित समाधान निकाले।