सिचाई विभाग व एचएसवीपी मिलकर करेंगे तोड़फोड़
दिल्ली-मुंबई-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का हिस्सा बनने जा रहे बाईपास किनारे जल्द तोड़फोड़ की जाएगी।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : दिल्ली-मुंबई-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का हिस्सा बनने जा रहे बाईपास किनारे बने हुए पक्के निर्माण तोड़ना हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के लिए चुनौती से कम नहीं है। बाईपास किनारे सिचाई विभाग की भी जमीन है। इस पर भी काफी कच्चे-पक्के निर्माण बने हुए हैं, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। इस कारण अवैध कब्जे बढ़ते चले गए। अब प्राधिकरण के प्रशासक प्रदीप दहिया ने इस बड़ी तोड़फोड़ को लेकर जिला उपायुक्त यशपाल यादव के साथ बैठक की। बैठक में तय हुआ कि सिचाई विभाग के साथ मिलकर यह तोड़फोड़ की जाए। इसके लिए काफी पुलिसबल तैनात किया जाएगा। प्रशासक प्रदीप दहिया ने बताया कि बाईपास को 12 लेन करने के लिए इन निर्माणों को तोड़ना जरूरी है। कब्जे हटाने में बरतते हैं लापरवाही
बाईपास किनारे कब्जों का खेल नया नहीं है। यहां एक दशक से लगातार कब्जे बढ़ते जा रहे हैं। इस बाबत समय-समय पर अधिकारियों को कई शिकायतें दी गईं, पर कार्रवाई नहीं हो सकी। तिगांव निवासी अधिवक्ता नरेंद्र कौशिक ने भी बाईपास किनारे एक होटल बनने की शिकायत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कार्यालय में दी थी, साथ ही इस बाबत एक आरटीआइ भी लगाई थी। बाईपास किनारे अवैध रूप से ट्यूबवेल भी चल रहे हैं। खाली 300 फ्लैटों का होगा ड्रा
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा आशियाना स्कीम के तहत बनाए गए सेक्टर-56-56ए और सेक्टर-62 में खाली 300 फ्लैटों का ड्रा जल्द किया जाएगा। इस बारे में प्राधिकरण के प्रशासक प्रदीप दहिया की मुख्य प्रशासक पंकज यादव संग मीटिग हो चुकी है। मुख्य प्रशासक ने खाली फ्लैटों का ड्रा करने के निर्देश दिए हैं। अब जल्द यहां दावेदारों के आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। सेक्टर-56-56ए में एचएसवीपी द्वारा एक दशक से भी पहले 2040 फ्लैटों का निर्माण कराया गया था। जबकि सेक्टर-62 में 1040 फ्लैट बने हुए हैं। अब इन दोनों जगह 300 से अधिक फ्लैट खाली पड़े हैं।
बता दें कि, बाईपास किनारे झुग्गीवासियों को हटाने की एवज में उन्हें फ्लैट दिए जाएंगे। प्रशासक ने बताया जल्द ड्रा कराने की तैयारी की जाएगी।