बोर्ड परीक्षा का भय निकालने के लिए हो रहीकाउंसिलिग
प्रदेश सरकार ने करीब दो दशक बाद आठवीं कक्षा के छात्रों की बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रदेश सरकार ने करीब दो दशक बाद आठवीं कक्षा के छात्रों की बोर्ड परीक्षा कराने का फैसला किया है। बोर्ड के फैसले का स्वागत किया जा रहा है, लेकिन छात्रों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई है। आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के पास बोर्ड परीक्षाओं का बिल्कुल भी अनुभव नहीं है। छात्रों के मन से परीक्षाओं का डर निकालने के लिए शिक्षा विभाग लगातार उनकी काउंसिलिग कर रहा है और छात्रों के पाठ्यक्रम को जल्द से जल्द पूरा कराने में जोर दिया जा रहा है। ताकि छात्रों की विषय संबंधी दुविधाओं का दूर किया जा सके।
बोर्ड अगले वर्ष मार्च में परीक्षाएं कराएगा। छात्रों के मन से बोर्ड परीक्षा का डर निकालने के लिए उन्हें बताया जा रहा है कि किस प्रकार निर्धारित समय में सभी प्रश्नों के उत्तर लिख सकते हैं। इसके अलावा अध्यापक अधूरे पड़े पाठ्यक्रम को पूरा कराने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगा रहे हैं। अभिभावकों को भी किया जा रहा है प्रोत्साहित
राजकीय विद्यालयों के अध्यापक अभिभावकों के साथ बैठक उन्हें छात्रों की सहायता के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्हें बच्चों के साथ मैत्री पूर्वक व्यवहार की अपील कर रहे हैं, ताकि छात्र अभिभावकों से स्कूल में आने वाली पाठ्यक्रम सहित अन्य परेशानियों के बारे में चर्चा कर सकें। प्रयास है कि बच्चे अनुकूल माहौल में बोर्ड परीक्षाएं दें। उनके लिए पहला अनुभव है। इसके चलते हर वह कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे बच्चों के मन में परीक्षा का भय निकल सके। बोर्ड परीक्षा का यह अनुभव उन्हें आगे जाकर दसवीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा देने में मददगार साबित होगा।
-मुनेश चौधरी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी