पैरा एथलीट धर्मेद्र चीन में दिखाएंगे जौहर
जासं, फरीदाबाद: दस साल की आयु में खेल-खेल में चारा मशीन में अपना एक हाथ गंवाने वाले धर्मेंद
जासं, फरीदाबाद: दस साल की आयु में खेल-खेल में चारा मशीन में अपना एक हाथ गंवाने वाले धर्मेंद्र अब चीन में होने वाली अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे। साल 2012 से पूर्व अपने हाथ की कमी को विकलांगता समझने वाले धर्मेंद्र अब इसे दिव्यांगता मानते हैं और एक हाथ की कमी ने ही उन्हें समाज और देश में पहचान दिलाई है।
धर्मेंद्र ने बताया कि उनका जब हाथ कटा गया उस समय में ज्यादा महसूस नहीं हुआ। उस समय माता-पिता सभी कार्य करने देते थे, लेकिन उम्र और सामाजिक दायरा बढ़ने के साथ हाथ की कमी महसूस होने लगी। अपने कामों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। इस दौरान धर्मेंद्र के माता-पिता और मौसा किशन उनकी ताकत बने और कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया। परिवार वालों से मिले प्रोत्साहन और जीवन में कुछ करने की इच्छा ने उन्हें साल 2012 में राजा नाहर ¨सह एथलेटिक मैदान पर कोच नरसी राम से मिलवाया। उनकी कड़ी मेहनत और विश्वास से जीवन में बदलाव आने लगा और धर्मेंद्र चार सालों से लगातार राष्ट्रीय चैंपियन बन रहे हैं।
धर्मेंद्र की उपलब्धियां
- वर्ष 2012 में बेंगलुरु में संपन्न हुई नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- वर्ष 2014 में गाजियाबाद में संपन्न हुई नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- वर्ष 2015 में पंचकुला में संपन्न हुई नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- वर्ष 2016 में जयपुर में संपन्न हुई नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।