सामूहिक प्रयासों से होगा शहर स्वच्छ : आयुक्त
उपायुक्त एवं निगमायुक्त यशपाल यादव ने शहर की हवा को शुद्ध करने के लिए वायु यंत्र का उद्घाटन किया।
जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़ : उपायुक्त एवं निगमायुक्त यशपाल यादव ने कहा है कि उन्होंने शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए सभी वार्डों में 40 अधिकारियों की ड्यूटी नोडल अधिकारी के रूप में लगाई है। इन वार्डों को साफ-शुद्ध बनाने के लिए सीएसआर के तहत सामाजिक संस्थाओं और उद्योगों को शामिल किया जा रहा है। ये वर्ष तरल कचरा प्रबंधन के रूप में मनाया जा रहा है। दो अक्टूबर को पूरे शहर को कचरा मुक्त बनाने की योजना है, पर इसके लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे, तभी हमारा शहर स्वच्छ व सुंदर दिखेगा।
शनिवार को निगमायुक्त राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित संत सूरदास सिही मेट्रो स्टेशन चौक पर हरित पट्टी और बल्लभगढ़ पंचायत भवन में वायु यंत्र के शुभारंभ अवसर पर शहरवासियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहर के प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से भी आर्थिक मदद दी जा रही है। शहर की हवा को साफ करने के लिए 22 वायु यंत्र लगाए गए हैं। इन दोनों कार्यों में नेशनल एनवायरमेंट इंजीनियरिग रिसर्च इंस्टीट्यूट(नीरी), एनएचएआइ समेत शहर के सबसे पुराने उद्योग गुडईयर और एक एनजीओ आइपीसीए (इंडियन पोल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन) ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस मौके पर निगम के अतिरिक्त आयुक्त इंद्रजीत कुलड़िया, एनएचएआई के निदेशक बंसल, सहायक प्रोजेक्ट निदेशक धीरज सिंह, नीरी विज्ञानी डा.सुनील गुलिया, आइपीसीए निदेशक आशीष जैन, उपनिदेशक डा.राधा गोयल, गुडईयर कंपनी की हैड(लीगल एवं कंपलायंस) सोनाली खन्ना समेत प्रोजेक्ट को डिजाइन करने वाली संस्था सहित कई अधिकारी मौजूद थे। बाक्स के लिए:-
सबसे अधिक प्रदूषित स्थानों पर स्थापित होंगे यंत्र
आइपीसीए की उपनिदेशक डा.राधा गोयल के अनुसार वायु यंत्र की स्थापना पर डेढ़ लाख रुपये खर्च किए गए हैं। तीन वर्ष तक यंत्रों की देख-रेख उनकी संस्था करेगी। इसके बाद गुडईयर कंपनी अपने नियंत्रण में ले लेगी। बिजली का बिल भी उनकी संस्था ही भरेगी। फिलहाल 22 वायु यंत्र लगाए गए हैं। आगे भी इस तरह के और वायु यंत्र लगाने की योजना है। फिलहाल ये यंत्र उन स्थानों पर लगाए हैं, जहां पर प्रदूषण सबसे ज्यादा है। नीरी के वैज्ञानिक डा.सुनील गुलिया ने बताया कि वायु यंत्र का मुंबई और बेंगलुरू में प्रयोग किया जा चुका है। वहां पर प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। इसलिए यहां पर भारतीय प्रदूषण कंट्रोल एसोसिएशन के साथ मिल कर काम किया जा रहा है। एनसीआर से उद्योगों को निकालने की योजना को देखते हुए प्रदूषण को साफ करने की दिशा में ये कदम उठाया गया है।