बढ़ने लगा अग्रिम खपत जमा का विरोध
अग्रिम खपत जमा (एसीडी)का विरोध बढ़ने लगा है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : अग्रिम खपत जमा (एसीडी)का विरोध बढ़ने लगा है। अलग-अलग क्षेत्रों के लोग विरोध करने को आगे आने लगे हैं। सोमवार को समाजसेवी बाबा रामकेवल के नेतृत्व में कई लोगों ने बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। बाद में लोगों ने मिल कर अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ को मांग पत्र सौंपा। लोगों ने मुख्यमंत्री से एसीडी वापस लेने की मांग की।
पिछले हफ्ते कांग्रेस नेता लखना सिगला तथा पार्षद दीपक चौधरी ने अधीक्षण अभियंता से मिलकर एसीडी वापस लेने की मांग की थी कि और रोष जताया था। अब सोमवार को बाबा रामकेवल के साथ नरेश शर्मा, हरजिद्र मेहंदीरत्ता, सरदार प्रीतमपाल सिंह, कुलदीप सिंह, संदीप राव तथा राजबीर सिंह ने अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ को मांग पत्र पत्र सौंपा। कोरोना संकट के कारण लोग पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने एसीडी का बोझ डाल कर उपभोक्ताओं को परेशान किया है।
-विनीत गोस्वामी, उपभोक्ता। उपभोक्ता पहले से बिजली के गलत बिलों से परेशान हैं। अब एसीडी से उपभोक्ताओं की परेशानी को बढ़ाया जा रहा है। एसीडी को वापस लिया जाना चाहिए।
-जगदीश, उपभोक्ता। मेरे पास जो भी मांग पत्र आए हैं, उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिए गए हैं। वैसे उपभोक्ता एसीडी की राशि को दो बार में जमा करा सकते हैं। हरियाणा बिजली विनियामक आयोग(एचईआरसी) के निर्देशानुसार सभी सक्रिय बिजली उपभोक्ताओं को वित्तीय वर्ष में औसत बिलिग चक्र के बराबर एसीडी राशि जमा करवाना अनिवार्य किया गया है। पिछले वर्ष कोविड महामारी के प्रकोप के कारण बिजली उपभोक्ताओं की एसीडी यानि अग्रिम खपत जमा की समीक्षा स्थगित कर दी गई थी। अब एचईआरसी के निर्देशों के अनुसार 24 मार्च, 2021 से प्रभावी बनाया गया है।
-नरेश कक्कड़, अधीक्षण अभियंता, बिजली निगम इनसेट..
यह है एसीडी
अगर आपने तीन किलोवाट लोड का कनेक्शन लिया हुआ है। अग्रिम खपत जमा (एसीडी)के रूप में बिजली निगम के खाते में 2250 रुपये (750 रुपये प्रति किलोवाट) जमा कराए गए होंगे। बिजली निगम वर्ष भर की बिजली की खपत देखता है। इसमें 12 महीने की बिलिग देखी जाती है। मिसाल के तौर पर अगर आपका बिल 12 महीने में 12 हजार का आता है, तो चार महीने का चार हजार हुआ। ऐसे में अब बिजली निगम देख रहा है कि तीन किलोवाट लोड के कनेक्शन के एसीडी के रूप में बिजली निगम के खाते में 2250 जमा हैं। अब बकाया 1750 रुपये बिल में जोड़ कर भेजे जा रहे हैं।