योग दर्शन का माध्यम है प्रदर्शन का नहीं
जागरण संवाददाता भिवानी योग दर्शन का माध्यम है प्रदर्शन का नहीं। इसी उद्देश्य व भाव के साथ कीि
जागरण संवाददाता, भिवानी : योग दर्शन का माध्यम है प्रदर्शन का नहीं। इसी उद्देश्य व भाव के साथ कीर्ति नगर स्थित सांस्कृतिक सदन में शनिवार शाम सुखानंद फाउंडेशन द्वारा योग सेमिनार व अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें योग के क्षेत्र से जुड़े हुए व कार्य कर रहे लोगो का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में महामंडलेश्वर परमानन्द, संस्थापक व संचालक, जनसेवा संस्थान, रोहतक का सान्निध्य मिला और डा. जितेन्द्र भारद्वाज, कुलसचिव, चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी की अध्यक्षता में कार्यक्रम संपन्न हुआ। दिल्ली से मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक डा. ईश्वर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। सेमिनार में विषय प्रस्तुति के तौर पर करनाल से डॉ. अमित पुंज ने माइंड, मैकेनिज्म एंड मेडिटेशन पर अपना व्याखान प्रस्तुत किया। यमुनानगर से डॉ. शिव कुमार सैनी ने प्राणायाम, मुद्रा व बंध से आनंदमय जीवन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
मुख्य अतिथि ने बताया की मनुष्य योग से आनंदमय जीवन कैसे प्राप्त कर सकता है। सरकार योग के क्षेत्र में और लोगों को योग के प्रति जागरूक करने में जो अभियान चला रही है उनके बारे में भी मुख्य अतिथि ने अवगत कराया। कविता, रेनू व सुनील की टीम ने अपने योग प्रदर्शन से लोगों का मन लुभाया। कार्यक्रम में 5 लोगों को योगश्री सम्मान, योग भूषण सम्मान और मुख्य अतिथि को योगरत्न के सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम के आयोजन व संयोजन में डॉ मदन मानव, डॉ मनीषा मानव, शशि परमार, अनीता नाथ, हर्षित मानव, रविन्द्र श्योराण, शुभम, आशीष आदि का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में आत्मप्रकाश टूटेजा, केके वर्मा, विजेन्द्र, विजय जावला, जगतनारायण, ईश आर्य आदि मौजूद रहे।