इच्छाशक्ति कामयाबी के द्वार खोलती है : प्रो. मित्तल
किसी भी क्षेत्र में कामयाब होने के लिए सबसे अहम आपकी इछाशक्ति होती है। मन ही हारता है और मन ही जीतता है मन के हारे हार है मन के जीते जीत जिसने अपने मन पर काबू पाकर इच्छाशक्ति को मजबूत कर लियाउसको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।
जागरण संवाददाता, भिवानी: किसी भी क्षेत्र में कामयाब होने के लिए सबसे अहम आपकी इच्छाशक्ति होती है। मन ही हारता है और मन ही जीतता है, मन के हारे हार है मन के जीते जीत, जिसने अपने मन पर काबू पाकर इच्छाशक्ति को मजबूत कर लिया,उसको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। यह विचार चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने युवा कल्याण विभाग द्वारा विवेकानंद जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में आनलाइन विद्यार्थियों से रूबरू कहे।
उन्होंने जीवन की जटिलताओं का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को बताया कि उनका बचपन भी एक बेहद ही साधारण से ग्रामीण परिवार में बीता है। उन्होंने गांव के कच्चे गलियारों से होते हुए देश की राजधानी दिल्ली जैसे महानगर का जो सफर किया है वो बेहद ही संघर्षपूर्ण और चुनौतियों से भरा हुआ रहा है। उन्होंने जीवन में हार नहीं मानी और कार्य के प्रति और अपने सपनों के प्रति गंभीर रहे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में जाकर अपनी ओजस्वी वाणी और आत्मविश्वास से सभी को सभी को भारतीय सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित कर लिया था उसी प्रकार आप सभी को अपने आत्म संयम और कठोर साधना से मंजिल को प्राप्त करना है। चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय ने आपको उच्च शिक्षा और जीवन के मापदंड सौंप दिए हैं। स्टूडेंट वेलफेयर डीन डा. सुरेश मलिक ने कहा कि जीवन में जो लोग अपना गोल निर्धारित करके चलते है वे कभी भी नाकाम नहीं हो सकते। कार्यक्रम का मंच संचालन युवा कल्याण विभाग की सचिव डा. आशा पूनिया ने किया। इस दौरान सुपरवाइजर विनोद कुमार,रविद्र कुमार सहित अनेक विद्यार्थी मौजूद रहे।