मौसम बदलने से मंडराया कपास की फसल पर खतरा
संवाद सूत्र ढिगावामंडी पिछले एक सप्ताह से बदले मौसम से कपास पर खतरा मंडराने लगा है। रस च
संवाद सूत्र, ढिगावामंडी: पिछले एक सप्ताह से बदले मौसम से कपास पर खतरा मंडराने लगा है। रस चूसने वाले कीड़े सक्रिय होने लगे हैं। लोहारू उपमंडल में करीब 25000 एकड़ पर कपास की बिजाई की गई है। क्षेत्र के गांव बड़दू चैना, बड़दू पूर्ण, भूंगला, मनफरा, अमीरवास आदि गांव के किसानों ने बताया कि कपास की पत्तियां मुरझा रही हैं। मौसम परिवर्तन के दौरान कपास में यह शिकायत तेजी से बढ़ रही है। प्रति पत्ता छह या अधिक कीड़े तो खतरनाक
कृषि अधिकारी डा. चंद्रभान श्योराण ने बताया कि आकाश में छाए हुए बादलों, बूंदाबांदी अथवा मौसम में आए बदलाव के कारण कपास फसल में रस चूसने वाले कीड़े सक्रिय हो जाते हैं। जैसे थ्रीप्स (चुरड़ा), हरा तेला आदि। परंतु उपमंडल लोहारू में अभी तक कपास फसल में ये कीड़े नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं। अगर प्रति पत्ता इनकी संख्या छह अथवा उससे ज्यादा हो तो नुकसान होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में कीटनाशक का छिड़काव करना अति आवश्यक है। इसके लिए 2 एमएल रोगोर अथवा मेलाथियान प्रति लीटर पानी के अनुपात में छिड़काव करें, ताकि किट नियंत्रित हो सके।