मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के बार्डर पर बन रहे हथियार
पुलिस से लोहा लेने और बचने के लिए बदमाश अब आधुनिक हथियार की तरफ जाने लगे हैं। राजस्थान में पिछले दिनों हुई गैंगवार में भी ऑटोमैटिक हथियारों का प्रयोग हुआ था। वह हथियार मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के बार्डर पर पहाड़ों के बीच बसें गांव में बने थे। बदमाशों ने हथियारों की सप्लाई करने वाले से उनको खरीदा था। यह खुलासा पुलिस द्वारा राजस्थान में हुई गैंगवार में शामिल तीन बदमाशों के पकड़े जाने के बाद हुआ। उनके पास से आधुनिक पिस्तौल बरामद हुई है। मध्य प्रदेश में बने इन हथियारें को बदमाशों ने करीब 50 से 60 हजार रुपये में खरीदे थे।
जागरण संवाददाता, भिवानी : पुलिस से लोहा लेने और बचने के लिए बदमाश अब आधुनिक हथियार की तरफ जाने लगे हैं। राजस्थान में पिछले दिनों हुई गैंगवार में भी ऑटोमैटिक हथियारों का प्रयोग हुआ था। वह हथियार मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के बार्डर पर पहाड़ों के बीच बसें गांव में बने थे। बदमाशों ने हथियारों की सप्लाई करने वाले से उनको खरीदा था। यह खुलासा पुलिस द्वारा राजस्थान में हुई गैंगवार में शामिल तीन बदमाशों के पकड़े जाने के बाद हुआ। उनके पास से आधुनिक पिस्तौल बरामद हुई है। मध्य प्रदेश में बने इन हथियारें को बदमाशों ने करीब 50 से 60 हजार रुपये में खरीदे थे।
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि पकड़े गए तीनों आरोपितों ने मध्य प्रदेश से हथियार मंगवाने के लिए हथियारों को सप्लाई करने वालों का सहारा लिया था। सुमित नाम से सप्लायर से बदमाशों ने यह हथियार मंगवाए थे। बदमाशों को यह हथियार सुमित ने 50 से 60 हजार रुपये में बेचे थे।
पहाड़ों में है हथियार बनाने के ठिकाना
प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि मध्य प्रदेश के बार्डर पर हथियार जहां बनाए जाते है वह पहाड़ी क्षेत्र है। वहां पर पुलिस की तरफ से दबिश दी जा सकती है। बदमाशों से पूछताछ कर अभी बाकी जानकारी भी पुलिस जुटा रही है। पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक वहां पर बड़े स्तर पर ऑटोमैटिक और आधुनिक हथियार बनाने का काम चल रहा है।
दूसरे बदमाश की थी बूलेट प्रूफ जैकेट
राजस्थान में पिछले दिनों हुई गैंगवार में प्रदीप की हत्या करने के बाद से बदमाश भाग गए थे। पुलिस की तरफ से गांव शेरला के कच्चे रास्ते पर पकड़े गए आरोपितों से बूलेट प्रूफ जैकेट भी बरामद हुई। पुलिस यह देखकर हैरान थी कि आखिर बदमाशों ने यह जैकेट कहां से आई। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि यह जैकेट दूसरे बदमाश अनिल की थी। अब वह इस जैकेट का प्रयोग करता था। पुलिस अभी सख्ती से आरोपितों से पूछताछ जारी रखे हुए है।
साइबर एक्सपर्ट से बचने के लिए वाकी टॉकी का प्रयोग
राजस्थान के सीमा क्षेत्र व अन्य क्षेत्र में नेटवर्क की कमी के चलते बदमाशों ने वाकी टॉकी का प्रयोग किया करते थे। इससे वह अपने मैसेज देते और पुलिस की साइबर एक्सपर्ट टीम से बचने का प्रयास कर रहे थे। बाक्स.
प्राथमिक पूछताछ में आरोपितों ने मध्य प्रदेश से हथियार मंगवाने का पता चला है। उनसे पूछताछ की जा रही है। बूलेट प्रूफ जैकेट कहां से आए यह भी पता लगाया जा रहा है।
- अजीत सिंह शेखावत, पुलिस अधीक्षक, भिवानी