सात सेकेंड तक वीवीपैट बताएगी, आपने किसको किया मतदान
चुनाव आयोग ने वीवीपैट की विश्वसनीयता के गिनाए कारण जागरण संवाददाता भिवानी भारत निर्वाचन
चुनाव आयोग ने वीवीपैट की विश्वसनीयता के गिनाए कारण
जागरण संवाददाता, भिवानी : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 2000 से लेकर अब तक ईवीएम के जरिए लगभग 10 लाख मतदान केंद्रों पर 113 राज्य विधानसभा के तथा तीन लोकसभा के चुनाव सफलतापूर्वक करवाए गए हैं। इस बार मतदाताओं का भरोसा बढ़ाने के लिए ईवीएम को अब वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) से जोड़ा गया है। वीवीपैट से मतदाताओं को अपना मतदान बिल्कुल सही होने की पुष्टि करने में मदद मिलती है।
वोट डालने के बाद मतदाता को वीवीपैट में दिखने वाली पर्ची के माध्यम से यह पता चल जाएगा की उसके द्वारा किया गया मतदान जहां उसने मतदान किया है वहीं हुआ है। जिला निर्वाचन अधिकारी डा. अंशज सिंह ने कहा कि कुछ लोग यह भ्रम भी फैला रहे हैं कि वीवीपैट में कैमरा होता है और मतदाता की फोटो खींच लेता है, जो एक गलत जानकारी मतदाताओं के बीच फैलाई जा रही है।
ईवीएम के प्रयोग से बूथ पर कब्जा करने की घटना खत्म होने के साथ ही मतों की गिनती में देरी और खामियों को दूर करने में भी मदद मिली हैं। इसके अलावा मतगणना भी तीन से छह घंटे में पूरी हो जाती है। चुनाव आयोग द्वारा वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल 933 राज्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों और 18 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव के लिए प्रयोग किया जा चुका है।