लोकसभा चुनाव : रिपोर्टर ऑन बाइक : ग्रामीण क्षेत्रों में बंटे दिखाई दिए मतदाता, मोदी के साथ साथ किसानों के मुददे भी छाए
जागरण संवाददाता चरखी दादरी प्रदेश में अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव की चर्चाएं शहर
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :
प्रदेश में अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव की चर्चाएं शहरों से लेकर गांवों तक होने लगी है। इन्हीं चर्चाओं, सरगर्मियों को जानने के लिए दैनिक जागरण के रिपोर्टर बाइक पर सवार होकर निकले। दैनिक जागरण रिपोर्टर ऑन बाइक ने दादरी हलके के गांव चरखी तथा बाढड़ा हलके के गांव काकड़ौली हट्ठी का दौरा किया। इस दौरान रिपोर्टर ने गांव चरखी में बैठे कुछ युवाओं व अन्य व्यक्तियों से बातचीत की। गांव चरखी में चुनाव को लेकर चर्चा कर रहे युवाओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने देशहित में बहुत से कार्य किए है।
चर्चा यह भी हो रही थी कि मोदी सरकार ने सभी वर्ग जिसमें किसान, व्यापारी, युवा इत्यादि शामिल है, के लिए काफी योजनाएं बनाई है। ग्रामीणों का कहना था कि इस बार लोकसभा चुनाव में वे स्थानीय प्रत्याशी के बजाय नरेंद्र मोदी को दोबारा से प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट करेंगे। हालांकि चौपाल में बैठे कुछ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि लोकसभा चुनाव में तो वे भाजपा को वोट देंगे। लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी कुछ निर्धारित नहीं है। चर्चा के दौरान यह भी सामने आया कि किसान सम्मान निधि, फसलों के बढ़े भाव इत्यादि ऐसे कार्य हैं जिनके कारण लोगों का रूझान भाजपा की तरफ है। जिसका एक मुख्य कारण यह भी है कि गांव में अधिकांश लोग खेतीबाड़ी से जुड़े है। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में गांव चरखी से भाजपा प्रत्याशी को 4582 में से करीब 1200 वोट ही मिले थे। लेकिन इस बार यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है।
चर्चा में सत्यव्रत सांगवान, राजेश, राज सिंह, कर्णवीर, हरबीर, मोहित, अंकित, हरेंद्र, साहिल इत्यादि शामिल थे। रिपोर्टर ऑन बाइक ने बाढड़ा हलके के गांव काकड़ौली हट्ठी का भी दौरा किया। यहां पर हालात कुछ अलग ही नजर आए। बाढड़ा हलका किसान आंदोलन की जन्म व कर्मभूमि माना जाता है। इस दौरान दो-तीन जगहों पर कुछ बुजुर्ग व युवा बैठे हुए नजर आए। ग्रामीणों से बात की गई तो 28 वर्ष तक सेना में सेवाएं दे चुके रिटायर्ड सूबेदार अत्तरसिंह श्योराण ने कहा कि अबकी बार वे सोच-समझ कर ही वोट डालेंगे। केंद्र सरकार की किसान, जवान, रोजगार की नीतियों पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे ही नहीं बल्कि गांव के अन्य लोग भी मोदी सरकार से ज्यादा खुश नहीं है। एक तरफ तो सरकार कहती है नोटबंदी से आतंकवाद, नक्सलवाद पर अंकुश लगेगा। लेकिन दोनों ही क्षेत्रों में अभी भी असुरक्षा का माहौल है।
इसी बीच वहां बैठे पूर्व पंच धर्मपाल सनवाल ने कहा कि इस गांव का अधिकांश समय मतदान देवीलाल या उनकी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में हुआ है। लेकिन अब बिखराव से माहौल में बदलाव सुनने को मिल रहा है। इस दौरान सतबीर सिंह, जागेराम इत्यादि ने कहा कि लोग कैसी भी बातें करें, लेकिन अभी किसी ने मन ही नहीं बनाया है। मिस्त्री सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2009 में श्रुति चौधरी के पक्ष में एकतरफा वोटिग हुई थी। वयोवृद्ध ओमप्रकाश ने दोनों की बात काटते हुए कहा कि वे तो तैयार है भाजपा के खिलाफ मतदान के लिए। भाजपा के पास बड़े सब्जबाग हैं, लेकिन किसान के लिए कुछ नहीं है। उनके गांव को तो पीएम सम्मान निधि योजना तक में शामिल नहीं किया गया। इस पर सतबीर सिंह व जागेराम ने तुरंत कहा कि पिछले चुनाव में चौटाला के पक्ष में मतदान किया था लेकिन जीती भाजपा ही। अब की बार युवा विधायक सुखविद्र के कार्य व गांव के विकास में भारी अनुदान देने के बाद वोटों में काफी इजाफा हुआ है। इस बीच मंजीत कुमार ने कहा कि अभी ग्रामीण केवल आपसी बहस कर रहे है। कांग्रेस, भाजपा प्रत्याशी के अलावा अन्य प्रत्याशी मैदान में न आने से स्थिति साफ नहीं है। उसकी बात पर असहमति जताते हुए पूर्व सैनिक नरेन्द्र सिंह ने कहा कि हमे केवल चुनाव के समय ही याद करने वाले नेताओं का अब की बार अपनी ताकत का अहसास करवाने का पूरा मन है।