चार वर्ष से बोरिग के इंतजार में हैं ग्रामीण, पेयजल संकट गहराया
गर्मी के मौसम में जन स्वास्थ्य विभाग की उदासीन कार्यशैली के चलते गांव पं
संवाद सहयोगी, बाढड़ा : गर्मी के मौसम में जन स्वास्थ्य विभाग की उदासीन कार्यशैली के चलते गांव पंचगावां के लोगों को पेयजल के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। गांव का एक बोर पिछले चार वर्ष से ठप होने से 1700 की आबादी वाले गांव को एक ही भूमिगत बोर से काम चलाना पड़ रहा है। ग्रामीण महिलाओं को रात्रि को जागकर सिर पर पानी ढोना पड़ रहा है। जिससे परेशान ग्रामीणों ने सीएम मनोहर लाल, सांसद धर्मबीर सिंह व अन्य जनप्रतिनिधियों को बार बार पत्र भेजकर अवगत कराया है। गांव में पेयजल आपूर्ति जल्द सुचारु नहीं होने की सूरत में ग्राम पंचायत सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है।
गांव पंचगावां में पेयजल आपूर्ति के लिए जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा दो बोरिग संचालित करवाए गए थे। जिसमें से गांव के प्रवेश वाले क्षेत्र व प्राथमिक स्कूल को पानी आपूर्ति करने वाला बोरिग वर्ष 2016 में ही ठप हो गया। इससे गांव व स्कूल को पेयजल आपूर्ति बंद हो गई। इससे 1700 आबादी वाला गांव मात्र एक बोरिग पर निर्भर रह गया। ग्रामीणों को मजबूरीवश साथ लगते खेतों से पानी ढोना पड़ रहा है। गर्मी के सीजन में अब पानी की समस्या विकराल रूप ले रही है। ग्रामीणों की मांग पर ग्राम पंचायत ने उसी समय विभाग को प्रस्ताव भेज कर गांव में नया बोर का निर्माण करवाने की अपील की। लेकिन तीन वर्ष का लंबा समय गुजरने के बाद भी अभी तक गांव को नए बोरिग की सुविधा नहीं मिल पाई है। इससे ग्रामीणों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल संकट से हालात विकट
गांव के सरपंच राजेश श्योराण, पूर्व सरपंच ओमप्रकाश पंचगावां ने बताया कि गर्मी के मौसम में गांव में पेयजल संकट से हालात विकट बने हैं। उन्होंने बार-बार अपने स्तर पर सीएम मनोहर लाल, सांसद धर्मबीर सिंह व अन्य जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजकर समस्या से अवगत कराया है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने विभाग के स्थानीय वरिष्ठ अधिकारियों से भी सुचारु पेयजल आपूर्ति की अपील की है। उन्होंने भी कोई रुचि नहीं ली। ग्राम पंचायत को मिले स्वीकृति
सरपंच ने कहा कि विभाग स्वयं नया बोरिग न बनवाए तो ग्राम पंचायत को स्वीकृति पत्र जारी करे। ग्रामीण आपसी चंदे से नया बोरिग लगाने को तैयार हैं। लेकिन किसी भी मामले में सरकार व विभाग द्वारा कोई जवाब नहीं देने से क्षुब्ध ग्रामीण आंदोलन को मजबूर होंगे। जल्द ही समस्त ग्राम पंचायत द्वारा सामूहिक तौर पर इस्तीफा देने का निर्णय लिया जाएगा। भेजा गया है एस्टीमेट: एसडीओ
इस बारे में जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सुरेश श्योराण से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला विभाग के संज्ञान में है और पहले ही राज्य मुख्यालय को एस्टीमेट भेजा गया था। लेकिन इस बीच इस गांव को सीएम प्रोजेक्ट घोषणा में ले लिया गया। जिसमें सिरसली में निर्माणाधीन तीस करोड़ भूमिगत बजट वाली पाइप लाइन योजना में शामिल कर लिया। इससे जल्द ही इस गांव के घर घर में पानी पहुंचने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है।