स्वामी दयानंद सरस्वती आधुनिक भारत के महान चितक और समाज सुधारक थे : कमल
संवाद सहयोगी तोशाम युवा कल्याण संगठन ने महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती मनाई। इस मौके पर स
संवाद सहयोगी, तोशाम : युवा कल्याण संगठन ने महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती मनाई। इस मौके पर संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती आधुनिक भारत के महान चितक, समाज-सुधारक थे, जिन्होंने भारत को जोड़ने का काम किया। कमल प्रधान ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकारा में हुआ था। स्वामी दयानंद सरस्वती के बचपन का नाम मूलशंकर था। स्वामी दयानंद सरस्वती ने समाज में फैली बुराइओं और अंधविश्वास का खंडन किया। उन्होंने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति है। उन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। सरस्वती ने स्वराज का नारा दिया था, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। दयानंद ने देश में फैली कुरीतियों के खिलाफ अपनी बुलंद आवाज को उठाया। इस अवसर पर सत्यवान पंघाल, हरदीप टाला, राजेश खरकड़ी, अनिल पंघाल, विकास लाखलान, ओमप्रकाश शामी, सतबीर भुक्कल, मोनू प्रजापत, बीर सिंह चौहान, रोशन गुज्जर, ललित बंसल, मिटू टाला सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।