तोशाम : तीन गांव के किसानों का नहीं हुआ पंजीकरण, मुख्यमंत्री को शिकायत
क्षेत्र के गांव सरल संडवा पटौदी के किसानों की फसल का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण न होने के कारण किसान फसलों को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
संवाद सहयोगी, तोशाम : क्षेत्र के गांव सरल, संडवा, पटौदी के किसानों की फसल का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण न होने के कारण किसान फसलों को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। समस्या को लेकर किसानों ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व मंत्री को ट्वीट किया है। किसान मंदीप जाटान सरल, धूप सिंह पटौदी, सज्जन सिंह, सुखबीर संडवा, थंमू, सुरेंद्र, मनोज आदि ने बताया कि उनके गांव में चकबंदी का काम चल रहा है जिसके कारण उनके गांव का डाटा मेरी फसल मेरा ब्योरा पर अपडेट नहीं हो पाया है। पिछले वर्ष सरल गांव के केवल 25 किसान ही अपनी सरसों की फसल मंडी में बेच पाए थे। अबकी बार बाजार में सरसों के भाव तेज होने के कारण मंडी में किसान अपनी सरसों मंडी में नहीं बेच रहे हैं। गेहूं की फसल मंडी में नहीं बिकने के कारण किसानों को अपनी गेहूं की फसल 18 सौ रुपये प्रति क्विंटल बाजार में बेचनी पड़ रही है जिससे किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। संबंधित विभाग की गलती के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने प्रशासन से उनकी फसल का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने की मांग की है ताकि वे अपनी गेहूं की फसल मंडी में बेच सके। इस बारे में मंडी सचिव अमरजीत ने बताया कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी कृषि विभाग की है। इस बारे में कुलवंत पटवारी ने बताया कि गांव सरल के 50 प्रतिशत किसानों का पंजीकरण ही हो पाया है। बाकी बचे किसानों की जमीन का रिकॉर्ड कंप्यूटर नहीं उठा रहा है। यह समस्या चकबंदी के कारण आ रही है इस बारे में उच्चाधिकारियों को पहले ही सूचित किया जा चुका है। इस बारे में एसडीएम मनीष फौगाट ने बताया कि इन गांवों में चकबंदी का काम चल रहा है। चकबंदी के काम के चलते सॉफ्टवेयर किसानों की जमीन का डाटा नहीं उठा रहा है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को पत्र लिख दिया गया है।