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शहर की सड़कों के गड्ढे दे रहे दर्द

मिनी क्यूबा और छोटी काशी जैसे नाम दिल को बहुत सुकून देते हैं। ठ

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 07:59 AM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 07:59 AM (IST)
शहर की सड़कों के गड्ढे दे रहे दर्द
शहर की सड़कों के गड्ढे दे रहे दर्द

जागरण संवाददाता, भिवानी : मिनी क्यूबा और छोटी काशी जैसे नाम दिल को बहुत सुकून देते हैं। ठीक इसके उलट शहर की सड़कें दिल और बदन को दर्द दे रही हैं। वाहन तो दूर यहां पैदल चलना तक दूभर हो चला है। सरकुलर रोड और बासिया भवन से लघु सचिवालय को जाने वाले सड़क मार्ग तो ऐसे हो चले हैं कि पता ही नहीं चलता सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है। इन सड़कों से उठती धूल पर्यावरण को प्रदूषित कर रही हैं तो यहां से गुजरने वाले तेज रफ्तार वाहनों से उछलने वाली रोड़ियां राहगीरों और दुपहिया वाहन चालकों को घायल कर रही हैं। हर बार बरसात के बाद इनको नया बनाने की बात होती है पर आज तक इनकी हालत नहीं सुधर पाई है। इस बार शहर वासियों को नए उपायुक्त आरएस ढिल्लो से उम्मीदें बढ़ी हैं। वह इसलिए कि वह किसी भी काम को पूरा करवाने के लिए अधिकारियों को तय तारीख में करने के लिए कह रहे हैं। इसके परिणाम कैसे आएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हांसी गेट से पंचायत भवन रोड है खस्ताहाल, जलभराव और बेसहारा नंदियों का अड्डा

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हांसी गेट से पंचायत भवन रोड पर एक नहीं ढेरों समस्याएं हैं। यह खस्ताहाल बना है। यहां पर दूषित पानी जमा रहता है। इसके अलावा यहां पर बेसहारा नंदियों का जमावड़ा रहता है। वाहन चालक और राहगीर इस जर्जर मार्ग से निकलते हुए भी डरते हैं। इस रोड की हालत सुधारने की मांग को लेकर पार्षद ईश्वर मान धरना तक दे चुके हैं। करीब दो साल पहले इसे बनाया गया था लेकिन दो माह भी नहीं चला ओर उखड़ गया था। सेक्टर 13 की मार्केट के सामने का रोड बना है खतरा

सेक्टर 13 कहने को वीआइपी कालोनी है। यहां की मार्केट के सामने बने रोड से आप गुजर रहे हैं और ठीक ठाक घर पहुंच गए तो यह आपकी अच्छी किस्मत ही कही जाएगी। सेक्टरवासी कह-कह कर थक चुके हैं। कौन अधिकारी फरिश्ता बन कर आएगा और सेक्टर की सुध लेगा। सेक्टर 13 की एक अन्य उबड़-खाबड़ सड़क पर बुधवार को ही एक साइकिल सवार युवक गिर कर घायल हो गया। एलआइसी रोड कहीं आपकी जान न ले ले :

एलआइएसी रोड मात्र 500 मीटर का मुश्किल से होगा। इतनी दूरी करने में भी वाहन चालकों को डर लगता है। यहां 200 से ज्यादा गड्ढे हैं। ई-रिक्शा, दुपहिया वाहन चालक तो यहां से गुजरने से भी बचते हैं। खास बात भी यह भी है कि जिला मुख्यालय के बिल्कुल नाक के नीचे है यह रोड। बासिया भवन मार्ग का तो पता ही नहीं गड्ढों में सड़क या सड़क में गड्ढे :

बासिया भवन से लघु सचिवालय जाने वाली मात्र एक किलोमीटर की सड़क ऐसी है कि यह पता ही नही चलता कि यह गड्ढों में बनी है या इसमें गड्ढे बने हैं। इसमें 500 से ज्यादा गड्ढे बने हैं। कई गड्ढे तो दो-दो फुट गहरे तक हैं। इस रोड पर हुडा पार्क बना है। यहां पर लघु सचिवालय है। हजारों लोगों का यहां आना जाना बना रहता है। इतना सब होने के बावजूद भी न जाने क्यों सुध नहीं ली जा रही है।

शहर की सड़कों की हालत सुधारे प्रशासन :

शहर की सड़कों पर आजकल निकलना ही आसान नहीं रहा। चालक कितना ही बैलेंस बनाए डर बना रहता है कहीं गलती न हो जाए। प्रशासन सड़कों की हालत को गंभीरता से ले। कोई बड़ा हादसा न हो जाए। सरकुलर रोड, बासिया भवन जैसे मार्गो से तो बड़े वाहन भी गुजरते हैं।

- भानुप्रकाश, प्रधान, नगर व्यापार मंडल

शहर की सड़कों पर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है। सरकुलर रोड तो बहुत ज्यादा खस्ता हाल हो चुका है। यही हाल बासिया भवन रोड का बना है। अधिकारियों को चाहिए कि इनकी जल्द से जल्द सुध लें।

- विक्की परमार, शहर वासी।

शहर की ज्यादातर सड़कों से होकर चल पाना ही आसान नहीं है। आए दिन वाहन पंचर हो रहे हैं। वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। उड़ती धूल लोगों को बीमार कर रही है। इसे लेकर तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई तक की जानी चाहिए।

- संजय शास्त्री, शहरवासी।

सड़कों की तो बात ही अजब है। यह लगता है संबंधित अधिकारियों की सही मायने में अच्छी सड़क बनाने की मंशा ही नहीं होती ताकि औपचारिकता कर गोलमाल कर लें। इसके बाद फिर नया टेंडर हो फिर कमाई का अवसर मिले। ईमानदारी से काम हो तो सड़कें जल्द नहीं टूटती।

- अजमेर सिवाच, शहरवासी।


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