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गंदे पानी के तालाब में तब्दील हुआ सबसे पुराना शिक्षा का मंदिर, जन आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने किया दौरा

दादरी नगर की सबसे पुरानी और आजादी से पूर्व स्थापित शिक्षण संस्था राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कई दिनों से जलजमाव के कारण बनी हुई भारी परेशानियों शैक्षणिक कार्य अवरुद्ध होने स्कूल भवन के क्षतिग्रस्त होने संक्रामक बीमारियां फैलने को लेकर यहां की संस्थाओं संगठनों अभिभावकों में रोष बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 11:22 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 11:22 AM (IST)
गंदे पानी के तालाब में तब्दील हुआ सबसे पुराना शिक्षा का मंदिर, जन आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने किया दौरा
गंदे पानी के तालाब में तब्दील हुआ सबसे पुराना शिक्षा का मंदिर, जन आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने किया दौरा

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी नगर की सबसे पुरानी और आजादी से पूर्व स्थापित शिक्षण संस्था राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कई दिनों से जलजमाव के कारण बनी हुई भारी परेशानियों, शैक्षणिक कार्य अवरुद्ध होने, स्कूल भवन के क्षतिग्रस्त होने, संक्रामक बीमारियां फैलने को लेकर यहां की संस्थाओं, संगठनों, अभिभावकों में रोष बढ़ता जा रहा है।

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दादरी नगर की विभिन्न जन समस्याओं को लेकर पिछले दिनों से आंदोलन चला रहे संगठन जन आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने शनिवार को स्कूल परिसर का दौरा किया। उन्होंने हैरानी जताई कि पूरा स्कूल परिसर गत एक सितंबर के बाद हुई वर्षा के बाद से जलमग्न है। लेकिन प्रशासन, सरकार व जनस्वास्थ्य विभाग का रवैया उदासीन बना हुआ है। इस मौके पर जन आंदोलन समिति के पदाधिकारी नितिन जांघु, रविद्र गुप्ता, महेश गुप्ता, जयभगवान मस्ताना इत्यादि ने मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल से भी बातचीत की।

समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इस स्कूल में 1200 से अधिक छात्र पढ़ते हैं। स्कूल भवन में एक इमारत से दूसरी इमारत तक जाने का रास्ता नहीं बचा है। वर्षा थमने के 18 दिन बाद भी स्कूल परिसर से पानी की निकासी न होने से यहां कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा स्कूल का नये व पुराने भवन में नमी आने से वे क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं। इस माहौल में छात्रों की पढ़ाई का कार्य बाधित होना स्वाभाविक है। स्कूल परिसर में बने हालातों को लेकर अभिभावक भी काफी चितित हैं। जन आंदोलन समिति के पदाधिकारी नितिन जांघु व रविद्र गुप्ता ने कहा कि यदि जल्द ही यहां से पानी की निकासी नहीं की गई तो वे इस मामले को बड़े स्तर पर उठाने को मजबूर होंगे। हालात बने गंभीर

दादरी नगर के राजकीय माडल संस्कृति वमावि में 1200 से अधिक छात्रों के अलावा 80 के करीब शिक्षक व कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अलावा स्कूल भवन में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय सहित आधा दर्जन शिक्षा विभाग के अन्य दफ्तर हैं। जिनमें करीब 100 कर्मचारी, अधिकारी कार्यरत हैं। स्कूल परिसर में लगातार जलभराव के चलते यहां का माहौल दुर्गंधमय बनता जा रहा है तथा सुचारु रूप से शैक्षणिक व विभागीय कार्य करना मुश्किल होता जा रहा है। इसे लेकर शिक्षक, कर्मचारी, अभिभावक व स्थानीय नागरिक लगातार चिता जता रहे हैं। जागरण ने उठाया था मामला

वर्षा थमने के कई दिन बाद भी नगर के राजकीय माडल संस्कृति वमावि परिसर से पानी की निकासी न होने का मामला सबसे पहले जागरण ने प्रमुखता के साथ उठाया था। यहां की समस्याओं को लेकर विस्तार से रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसके बाद यहां स्थानीय राजनैतिक दलों, सामाजिक स्वयं सेवी संगठनों के लोगों का निरंतर आना जारी है। उन्होंने लगातार प्रशासन से स्कूल परिसर से पानी निकासी के लिए जल्द से जल्द पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। धीमी है पानी निकासी की रफ्तार

स्कूल परिसर पूरी तरह गंदे पानी के तालाब में तबदील हो चुका है। यहां तीन फुट तक पानी भरा हुआ है। निकासी के लिए फिलहाल दो स्थानों पर मोटरें व पंप लगाए गए हैं। उन्हें कुछ घंटे ही चलाया जाता है। जिस रफ्तार से पानी की निकासी हो रही है उससे लगता है अगले कई दिनों तक भी निकासी संभव नहीं है।


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