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आजादी के दीवानों का गांव है गुजरानी

राजेश कादियान, बवानीखेड़ा : गांव गुजरानी आजादी के दीवानों का गांव रहा है। यहां के ग्राम

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 01:51 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 01:51 AM (IST)
आजादी के दीवानों का गांव है गुजरानी
आजादी के दीवानों का गांव है गुजरानी

राजेश कादियान, बवानीखेड़ा : गांव गुजरानी आजादी के दीवानों का गांव रहा है। यहां के ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह किए बिना ही आजादी के लिए काफी संघर्ष किया और देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। ग्रामीणों के अनुसार अंग्रेजों से बगावत व लोहा लेने पर गांव गुजरानी के दो लोगों को ¨सगापुर में दीवार के साथ खड़ा करके गोली मार दी गई थी। राजू गुर्जर, लीलू शर्मा, दलीप गुर्जर, रामगोपाल शर्मा ने बताया कि ¨सगापुर में अंग्रेज साम्राज्यवाद के खिलाफ बगावत करने वाले 41 फौजियों को गोली मार दी गई थी। यह कार्रवाई अंग्रेजों द्वारा दहशत फैलाने के लिए करीब 15 हजार लोगों के समक्ष की गई। इन 41 फौजियों में से गांव गुजरानी के लाल खान वल्द करी बक्श चौहान शामिल थे। इसके अलावा मुंशी खान वल्द हुसैना को 15 साल की सजा भी सुनाई गई। आज भी गांव गुजरानी के लोग इन शहीदों को प्रणाम करते हैं और उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश सेवा एवं रक्षा की शपथ ले रहे हैं। अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव गुजरानी को 1404ई. में माचेड़ी से आकर गजे ¨सह राघव बड़गुर्जर ने बसाया था। गजे ¨सह के नाम पर ही गांव गुजरानी का नामकरण हुआ है। करीब 4900 की आबादी को अपने आंचल में समेटे हुए गांव गुजरानी में करीब 3 हजार लोगों को मताधिकार प्राप्त है। यहां के लोगों का जीविका का साधन कृषि व पशुपालन है।

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ये हैं चौपालें

इस गांव में चार चौपाल स्थित है। जबकि दो निमार्णाधीन है। चार चौपालों में गुर्जर, पंजाबी, ब्राह्मण व अनुसूचित जाति की चौपाल शामिल हैं। चौपालों को शादी समारोह के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ-साथ इन चौपालों पर गांव के बड़े-बुजुर्ग भी हुक्के की गुड़गुड़ाहट पर आपसी चर्चा करते देखे जा सकते हैं। गांव में तीन जोहड़ है। इनमें बड़ा पीर जोहड़, नाचना वाला जोहड़, भोलेगिरी जोहड़ है। बड़ा पीर जोहड़ के प्रति ग्रामीणों की धार्मिक आस्था भी है। इस जोहड़ के किनारे पर बाबा बड़ा पीर का मंदिर भी बना हुआ है। ग्रामीणों के मुताबिक इस जोहड़ पर नहाने से दाद-खुजली ठीक हो जाते हैं। गांव के अधिकतर जोहड़ों पर पशुपालक अपने पशुओं को पानी पिलाते हैं और नहलाते भी है। -----------

ये हैं मंदिर

गांव में तीन मंदिर स्थापित है। इनमें बाबा भोलेगिरी मंदिर, बाबा बड़ा पीर मंदिर,भगवान शिव मंदिर स्थित है। इसके अलावा गांव में प्राचीन काल से ही मस्जिद भी स्थापित है। मंदिरों में रोजाना ग्रामीण पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते है। बाबा बड़ा पीर के प्रति ग्रामीणों की गहरी आस्था है। शुक्ल पक्ष की चौदस को यहां के लोग बाबा के प्रति आस्था दिखाते हुए खीर व बाकली का प्रसाद बांटते हैं। इसके अलावा मस्जिद में भी मुस्लिम समुदाय से संबंधित लोग नमाज भी अदा करते हैं। ----------------

ये हैं सरकारी सुविधा

गांव में 12वीं कक्षा तक का व प्राथमिक सरकारी स्कूल हैं। इसके अलावा समुदायिक केंद्र, पशु अस्पताल, पंचायत भवन, 6 आंगनबाड़ी केंद्र, डाकघर, जलघर भी स्थापित हैं। ----------------

ये हैं अभी जरूरत

गांव में सबसे प्रमुख समस्या गंदे पानी की निकासी का उचित प्रबंध न होना है। साथ-साथ बारिश के दिनों में खेतों में भी जलभराव हो जाता है। इससे खेतों एवं गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होती है और किसानों की फसलें भी बर्बाद हो जाती है। यहां के ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पानी की निकासी के उचित प्रबंध किए जाएं। इसके अलावा गुर्जरों वाली ढ़ाणी के लिए जाने वाला रास्ता भी क?ा है। प्राथमिक स्कूल का भवन भी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। बारिश के वक्त प्राथमिक स्कूल पानी से लबालब हो जाता है। इससे बच्चों को पढ़ाई करने में काफी परेशानी होती है। इसके अलावा गांव में खेल स्टेडियम भी नहीं है। गांव में शुद्ध पेयजल सप्लाई भी नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा ग्रामीणों ने गांव में सिलाई सैंटर के स्थापना की भी मांग की है। ---------------

ये हैं अधिकारी

गांव गुजरानी निवासी भूपेंद्र शर्मा, बिजेंद्र शर्मा, शालू शर्मा, पीयूष, अमित, प्रमोद शर्मा आदि एमबीबीएस डॉक्टर है। जो कि देश व विदेशों में अपनी सेवाएं देकर गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। इसके अलावा ज्योति शर्मा कनाडा में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत है। दिनेश यादव इंग्लैंड में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर कार्य कर रहे हैं। यहां की बहु-बेटियां भी देश-विदेश में सेवा देकर बेटी होने का मान बढ़ा रही है। इसके अलावा अविनाश श्योराण लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यरत है। गांव की बेटी प्रियंका यादव सीआइएसएफ में निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। इसके अलावा गांव के प्रभुराम गुर्जर व बख्तावर यादव स्वतंत्रता सेनानी रहे है। गांव के करीब 50 युवा सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा भी कर रहे हैं। ----------------

ये हैं खिलाड़ी

यहां के कैलाश गुर्जर, संदीप तंवर, गौरव तंवर जूडो के राष्ट्रीय खिलाड़ी है। इसके अलावा अभिमन्यु कबड्डी के राष्ट्रीय खिलाड़ी है। इसके अलावा अशक्त खिलाड़ी राजेश गुर्जर भी दौड़ में कई बार राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल आ चुके हैं।


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