प्रदेश में हटाए गए 798 हड़ताली नप कर्मचारियों के रोजगार पर नौ माह से लटकी तलवार
बेशक कर्मचारियों को खुश करने के लिए सरकार ने एक्सग्रेसिया कार्ड खेलने की तैयारी कर रहो लेकिन नगर पालिका कर्मचारी संघ द्वारा मई माह 201
जागरण संवाददाता, भिवानी : बेशक कर्मचारियों को खुश करने के लिए सरकार ने एक्सग्रेसिया कार्ड खेलने की तैयारी कर रहो, लेकिन नगर पालिका कर्मचारी संघ द्वारा मई माह 2018 में की गई 16 दिन की हड़ताल के दौरान हटाए गए 798 सफाई कर्मचारी व फायरमैन के रोजगार पर तलवार लटकी हुई है। लंबी अवधि के बाद भी इन कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस न लिए जाने पर नगर पालिका कर्मचारी संघ व सरकार के बीच ठन रही है। इन कर्मचारियों व हजारों अन्य कर्मचारियों के हकों के लिए एक बार फिर से नगर पालिका संघ हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहा है। कुंभ मेले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सफाई कर्मचारियों के पैर धोकर उन्हें मनाने व इन कर्मचारियों को स्वच्छता का सिपाही का तमगा दिया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद वेतन के लिए महीनों भटकने वाले इन कर्मचारियों को केवल अपनी मांगों पूरी होने का इंतजार है।
प्रदेश में 8 मई 2018 को नगर पालिका कर्मचारी संघ के आह्वान पर मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की गई थी। 16 दिन तक चली सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे प्रदेश की सफाई व्यवस्था चौपट हो गई थी। प्रदेश सरकार द्वारा कच्चे कर्मचारी व ठेके पर लगे 798 कर्मचारियों को बर्खास्त कर डाला था। इसके बावजूद हड़ताल विफल नहीं होने पर प्रदेश सरकार व नगर पालिका संघ के बीच हटाए गए सभी कर्मचारियों को वापस लेने, एक्सग्रेसिया स्कीम लागू करने, समय पर वेतन देने व सबसे बड़ी मांग सफाई ठेका बंद किए जाने पर समझौता हुआ था। इस समझौते को हुए नौ माह हो चुके है, लेकिन अभी हटाए गए कर्मचारी अभी तक ड्यूटी पर वापस नही हुए है। अब इन कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटकी हुई है। इसे लेकर अब नगर पालिका संघ एक बार फिर से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहा है। पैर धोने से नहीं उनका पेट भरने से चलेगा काम
नगर पालिका संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि कुंभ मेले में प्रधानमंत्री ने सफाई कर्मचारियों के पैर धोकर पुण्य का कार्य किया, लेकिन उनके पैर धोने से पेट भरने वाला नहीं है, उन्हें रोजगार व वेतन देने से पेट भरेगा। हड़ताल में हटाए गए कर्मचारियों को वापस लेने के लिए सरकार के साथ लिखित में समझौता हुआ था, लेकिन इन कर्मचारियों को ड्यूटी पर न लेकर सरकार कुठाराघात कर रही है। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री इन कर्मचारियों को वास्तव में ¨चता करते है तो इनके हकों को भी लागू करे। हटाए गए कर्मचारियों को वापस लेने के लिए तीन बार लिस्ट सरकार मांग चुकी है, लेकिन नौ माह बाद भी कर्मचारी ड्यूटी पर नही लिये गए।
प्रदेश भर से हटाए गए कर्मचारी
पानीपत--- 273
कैथल -- 140
पुंडरी -- 19
गोहाना -- 50
नीलोखेड़ी -- 07
सफीदो-- 48
बरवाला -- 40
भिवानी ---93
महम ---- 20
सोनीपत-- 65
सांपला -- 23
कलानौर -- 15
जींद फायरमैन-- 05
कुल -- 798