कितलाना टोल पर धरना जारी, आंदोलनकारी बोले-कोरोना पीड़ितों को भाषण नहीं, स्वास्थ्य सुविधाएं दे सरकार
सरकार ने समय से ध्यान दिया होता तो कोरोना महामारी का रूप धारण नहीं करता।
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : सरकार ने समय से ध्यान दिया होता तो कोरोना महामारी का रूप धारण नहीं करता। अब सरकार को भाषण देने के बजाय कोरोना पीड़ितों को पर्याप्त ऑक्सीजन और दवाइयां उपलब्ध करवाकर राहत पहुंचानी चाहिए। यह बात सोमवार को आंदोलनकारी नेताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन कृषि सुधार कानून विरोध आंदोलन में कही। उन्होंने कहा कि कोरोना पीड़ितों के साथ उनके स्वजनों का भी शोषण हो रहा है। ऑक्सीजन के साथ दवाइयों के नाम पर उनको लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में कई कोविड सेंटर बने हुए हैं। लेकिन उनमें सुविधाएं नाममात्र हैं। आज हालात ये हैं कि थोड़ी ज्यादा तकलीफ होने पर मरीज को सरकारी अस्पताल में बेड भी नहीं मिल रहा है। 137वें दिन भी जारी रहा धरना
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर 137वें दिन खाप सांगवान सचिव नरसिंह डीपीई, खाप श्योराण प्रधान बिजेंद्र बेरला, रणधीर कुंगड़, राजबाला कितलाना, सुखदेव पालवास ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार में किसानों और कोरोना पीड़ितों को प्रताड़ित होना पड़ रहा है। सरकार न आंदोलनकारियों की सुन रही है और न ही कोरोना संक्रमितों की। ये रहे मौजूद
धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर मा. ताराचंद चरखी, सूरजभान संगवान, रणधीर घिकाड़ा, कमल प्रधान, धर्मेंद्र छपार, रामानंद धानक, कर्ण सिंह कालूवाला, रामफल देशवाल, मीर सिहं निमड़ीवाली, अजीत सिंह धनाना, राजबाला धनाना, शमशेर सांगवान, ओमप्रकाश नंबरदार चरखी, आजाद फौजी, जगदीप बेरला, कप्तान चंदन सिंह, सुरेंद्र कटारिया, नंदराम घिकाड़ा, सूबेदार सतबीर सिंह, समुंद्र सिंह कितलाता, बलबीर रासीवास भी मौजूद रहे।