ठहरा पहिया लगा दौड़ने तो आमदनी को लगने लगे पंख : रेडी टू पेस्ट
चार माह से कोरोना संक्रमण के चलते संकट के दौर से गुजर रहा भिवानी डिपो अब उबरने लगा है। भिवानी डिपो की प्रत्येक बस लॉकडाउन से पहले जहां हर रोज 10 से 12 हजार रुपये कमाती थी।
सुरेश मेहरा, भिवानी
चार माह से कोरोना संक्रमण के चलते संकट के दौर से गुजर रहा भिवानी डिपो अब उबरने लगा है। भिवानी डिपो की प्रत्येक बस लॉकडाउन से पहले जहां हर रोज 10 से 12 हजार रुपये कमाती थी। लॉकडाउन के दौरान रोडवेज का पहिया ठहर गया था। जब से बसों में यात्रियों को छूट दी है धीरे-धीरे डिपो अपनी पुरानी चाल पर लौटने लगा है। भिवानी डिपो और तोशाम सब डिपो की 169 बसों में से 115 से 120 बसें अब सड़कों पर अपने गंतव्य पर दौड़ने लगी हैं। ठहरा पहिया लगा दौड़ने तो आमदनी में भी हुआ इजाफा लॉकडाउन के दौरान रोडवेज का पहिया ठहर गया था वह अब दौड़ने लगा है। यात्रियों की संख्या में भी अब इजाफा होने लगा है। बसों की सभी सीटों में यात्रियों को बैठने की छूट के बाद रोडवेज की आमदनी भी बढ़ने लगी है। इससे रोडवेज की आय बढ़ेगी। अब प्रति बस प्रतिदिन 7 से 8 हजार तक पहुंची बसों की आमदनी की बात करें तो अब प्रतिदिन प्रति बस औसतन 7 से 8 हजार रुपये कमाने लगी है। रोडवेज के ही अधिकारी कह रहे हैं कि अब यात्री भी घरों से कुछ हद तक निकलने लगे हैं। इससे पहले लोगों में कोरोना का डर बना था जो अब दूर हो रहा है। हालांकि यात्रियों को सावधान किया जाता है। मास्क और सैनिटाइजर आदि किया जाता है। रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या में हो रहा सुधार रोडवेज बसों में अब यात्रियों की संख्या में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इससे रोडवेज की आमदनी बढेगी वहीं यात्रियों को भी हम पूरी सुविधा दे रहे हैं। यात्रियों से भी आग्रह है कि घर से निकलें तो मास्क लगा कर निकलें। सैनिटाइजर का भी प्रयोग जरूर करें।
जेएस रावल, महाप्रबंधक
भिवानी डिपो। --सुरेश मेहरा--