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शिक्षा को प्रोफेशन नहीं मिशन मानती है राज्य पुरस्कार से सम्मानित प्रवक्ता सुशीला फौगाट

छात्र छात्राओं को शिक्षा देने के साथ साथ उन्हें समाज सेवा का

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 07:13 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 07:13 AM (IST)
शिक्षा को प्रोफेशन नहीं मिशन मानती है राज्य पुरस्कार से सम्मानित प्रवक्ता सुशीला फौगाट

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : छात्र, छात्राओं को शिक्षा देने के साथ साथ उन्हें समाज सेवा कार्यो से जोड़ने, उनके चहुंमुखी विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है दादरी जिले के गांव मिसरी स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिदी प्रवक्ता के पद पर कार्यरत सुशीला फौगाट। उनके समर्पण, सह पाठ्य गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी, स्वच्छता, पर्यावरण मुहिम में उनकी अग्रणी भूमिका को देखते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग ने उन्हें वर्ष 2010 में राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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सुशीला फौगाट ने अपने शैक्षणिक सेवा काल के दौरान अब तक अनेक कार्यक्रम आयोजित कर उनमें पर्यावरण, स्वच्छता, प्रतियोगी परीक्षाओं, स्कूल शिक्षा के बाद व्यावसायिक मार्गदर्शन के लिए विशेषज्ञों को बुलाकर छात्र, छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उनकी प्रेरणा, कोशिशों के चलते सरकारी स्कूल के कई छात्र, छात्राओं ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलताएं दर्ज की है। खास बात यह भी है कि सुशीला फौगाट एक कर्तव्यनिष्ठ शिक्षिका के साथ-साथ बेहतर महिला खिलाड़ी भी है। सन 2005 से लेकर 2019 तक आयोजित मास्टर एथलेटिक्स आयोजनों में वे हैमर थ्रो, शॉटपुट, डिस्कस में लगातार राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतती रही है। इन्हीं खेलों में छात्र, छात्राओं का भी मार्गदर्शन कर उन्हें प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने व सफलता दिलाने में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही है। न केवल गांव मिसरी बल्कि आसपास के गांव में भी सराहनीय कार्यों के लिए सुशीला फौगाट का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। शिक्षा को एक मिशन मानती है सुशीला

प्रवक्ता सुशीला फौगाट का कहना है कि शिक्षा के द्वारा ही छात्र, छात्राओं के भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। वे व्यक्तिगत रूप से शिक्षा को प्रोफेशन नहीं बल्कि मिशन मानती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक चाहे तो अपने प्रयत्नों, कार्यों, प्रयासों से देश के भावी नागरिकों में श्रेष्ठ संस्कारों का निर्माण कर समाज व राष्ट्र के लिए सकारात्मक भूमिका निभा सकते है। उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी शिक्षक होना एक सौभाग्य की बात है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें जितना अधिक कार्य किया जाए उतने ही जीवन में संतुष्टि के भाव पैदा होते है। चलाती रही है पर्यावरण, स्वच्छता मुहिम

सुशीला फौगाट सरकारी स्कूलों में एक शिक्षिका के तौर पर कार्य करते हुए छात्र, छात्राओं को पर्यावरण एवं स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करती रही है। उन्होंने विभिन्न आयोजनों के माध्यम से लगातार पौधारोपण मुहिम चलाई है। इसी प्रकार विशेषकर वरिष्ठ छात्रों को स्वच्छता के प्रति भी वे प्रेरित करती रही है।


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