अंतर जातीय वैवाहिक संबंधों से सामाजिक बदलाव का शुरू होगा नया दौर
सुरेश गर्ग, चरखी दादरी : क्षेत्र की सबसे बड़ी खाप सांगवान चालीस के सिरमौर गांव चरखी में रवि
सुरेश गर्ग, चरखी दादरी : क्षेत्र की सबसे बड़ी खाप सांगवान चालीस के सिरमौर गांव चरखी में रविवार को आयोजित की गई सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत में लिए गए गई निर्णय सामाजिक स्वरूप में बदलाव की दिशा में अहम साबित हो सकते हैं। पूरे उत्तर भारत की 140 छोटी बड़ी खापों की महापंचायत में विशेषकर खाप से बाहर अंतरजातीय वैवाहिक संबंधों को मान्यता देने, महिला उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर पहल की गई उससे पिछले कुछ वर्षो से तेजी से उभरती जा रही सामाजिक विसंगतियों, बढ़ते यौन अपराधों पर अंकुश लगने की नई उम्मीदें जगी हैं। यहां उल्लेखनीय है बढ़ते लिंगानुपात असंतुलन के चलते प्रदेश में पिछले दस बारह वर्षो से वैवाहिक संबंध बनाना एक बड़ी समस्या बन चुकी है। विशेषकर इस इलाके के करीब करीब सभी गांवों में सैकड़ों की संख्या में ऐसे युवक दिखाई देते हैं जो विवाह की सीमा पार कर चुके हैं। दो-तीन दशकों तक जितनी समस्या लड़कियों के लिए योग्य वर ढूंढने की रहती थी उससे बड़ा संकट अब लड़कों के लिए वधू मिलना हो चुका है। केवल दादरी जिले के ऐसे कई गांव है जहां अभिभावकों ने काफी मोटी रकम खर्च कर दूसरे प्रदेशों से भाषा, बोली, रीति रिवाज, धर्म, जाति इत्यादि सब बातों को दरकिनार कर अपने पुत्रों का घर बसाने के लिए वधू लाने की व्यवस्था की है। ग्रामीण परिवेश में हर दूसरे तीसरे परिवार में माता पिता अपने बेटों के रिश्तों के लिए भागदौड़ करते नजर आते हैं। इसका बड़ा कारण बढ़ते ¨लगानुपात असंतुलन के साथ साथ सम जातीय वैवाहिक मजबूरियां भी रही हैं। हालांकि यहां की सबसे बड़ी खाप सांगवान चालीस पहले ही अंतर जातीय वैवाहिक संबंधों को मान्यता देने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है। अब 140 खापों की सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत में खाप से बाहर अंतरजातीय वैवाहिक संबंधों को पूरा मान सम्मान देने पर मोहर लगाने से सामाजिक बदलाव की संभावना नजर आने लगी है। इसके साथ साथ यहां यह भी जाहिर है अंतरजातीय वैवाहिक संबंधों का दौर शुरू होने से समाज में जातीय सदभावना का विस्तार होगा तथा जातीवाद पर भी भविष्य में जाकर कुछ हद तक लगाम लग सकेगी। सर्व खाप महापंचायत के इस निर्णय को सभी वर्गो के प्रबुद्धजन भी एक सार्थक प्रयास मान रहे हैं। --खापों का है व्यापक असर हरियाणा के साथ साथ पश्चिमी विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में खापों का व्यापक असर रहा है। खापों द्वारा लिए गए फैसलों को यहां संवैधानिक तो नहीं लेकिन सामाजिक तौर पर काफी सम्मान की ²ष्टि से देखा जाता रहा है। यहां की खापें सदियों से समय समय पर सामाजिक सुधार, कुरीतियों को मिटाने तथा अपनी परंपराओं को बनाएं रखने के लिए अहम निर्णय लेकर उन्हें लागू करती रही हैं। इसी कड़ी में रविवार को चरखी दादरी जिले के गांव चरखी में आयोजित सर्व खाप महापंचायत के निर्णय समाज के समक्ष मौजूद गई गंभीर चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण माने जा सकते हैं। विशेषकर अंतरजातीय वैवाहिक संबंधों को मान्यता देने पर महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर कड़ाई से रोक लगाने का प्रयास सराहनीय माना जा सकता है।
सर्व खाप महापंचायत को लेकर क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों से जागरण ने बातचीत की। --समाज की बदलेगी तस्वीर : सोमबीर खाप सांगवान चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि रविवार की महापंचायत में उत्तर भारत की 140 छोटी बड़ी खापों के प्रतिनिधियों ने समाज सुधार की दिशा में जो सहमति जताई है उसके नतीजे काफी सकारात्मक सामने आएंगे। जल्द ही समाज की तस्वीर बदलेगी। --समस्याओं का होगा समाधान : नर¨सह खाप सांगवान चालीस के सचिव नर¨सह सांगवान डीपी के अनुसार इन दिनों पूरे समाज के सामने वैवाहिक संबंध बनाना एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। अंतरजातीय वैवाहिक संबंधों को मान्यता मिलने से समस्या काफी हद तक समाधान होगा। आपसी सदभाव, सामाजिक समरसता बढ़ेगी। --कई मामले समय की जरूरत : गोदारा शिक्षाविद प्रभुराम गोदारा ने कहा कि समय के साथ काफी कुछ बदला है। हमें अपनी सोच में भी बदलाव लाना होगा। उन्होंने महापंचायत में अंतरजातीय वैवाहिक संबंधों को मान्यता दिए जाने को एक क्रांतिकारी व बदलाव की दिशा में अहम कदम बताया। --महापंचायत के निर्णय सराहनीय : साहु माध्यमिक शिक्षा विभाग हरियाणा के पूर्व उपनिदेशक जगजीत ¨सह साहु के अनुसार गांव चरखी में आयोजित सर्व खाप महापंचायत में समाज सुधार की दिशा में जो निर्णय लिए हैं वे अत्यंत सराहनीय हैं। इन निर्णयों के दूरगामी नतीजे सामने आएंगे तथा समाज सुधार को नई दिशा मिलेगी।