धुंध ने वाहनों की रोकी रफ्तार, शीतलहर से लोग परेशान
बीती रात से शुक्रवार सुबह तक दादरी जिले में गहरी धुंध व घ
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : बीती रात से शुक्रवार सुबह तक दादरी जिले में गहरी धुंध व घने कोहरे का प्रकोप बना रहा। वहीं दिनभर हल्की धुंध छाने के साथ-साथ सायं जैसा नजारा दिखाई दिया। इसके साथ ही दिन-रात शीतलहर चलने, कड़ाके की ठंड पड़ने का सिलसिला भी जारी रहा तापमान में गिरावट आई तथा मौसम का असर जिले में लोगों की दिनचर्या पर दिखाई दिया। सामान्य जन जीवन भी ठंड, कोहरे, धुंध, शीतलहर के चलते प्रभावित हुआ है। पिछले 24 घंटों के दौरान दादरी जिले में अधिकतम तापमान 16 व न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम के जानकारों का कहना है कि अगले दो सप्ताहों तक धुंध पड़ने, शीतलहर चलने व तापमान गिरने का दौर जारी रह सकता है। बीती रात के साथ शुक्रवार सुबह तक जिले में गहरी धुंध छानी शुरू हो गई थी। इसके साथ ही ठंड का प्रकोप बढ़ा रहा। खुले स्थानों, मुख्य मार्गों, सहायक सड़कों पर सुबह 8 बजे ²श्यता 5 से 6 मीटर तक बनी हुई थी। इसके चलते सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहा। सुबह व दिन में भी वाहन चालक हैड लाइटें जलाकर काफी कम गति से आवागमन करते नजर आए। बदले मौसम के चलते परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। विशेषकर रात्रिकालीन व सुबह, सायं चलने वाली बस सेवाएं देरी से आती जाती रही। इससे अपने गंतव्य स्थानों पर आने जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा। पैसेंजर ट्रेन सेवाएं पहले ही बंद होने से आसपास व दूरदराज आने जाने वाले यात्रियों के लिए बसें की एकमात्र साधन दिखाई दे रहे हैं। इसी प्रकार निजी सवारी वाहन भी धुंध, कोहरे के कारण सड़कों पर रेंग-रेंगकर चलते नजर आए।
कारोबार, व्यापार रहा प्रभावित
धुंध पड़ने, कोहरा छाए रहने व दिनभर प्रतिकूल मौसम बने रहते का प्रभाव दादरी नगर के बाजारों, मंडियों, व्यवसायिक स्थलों पर नजर आया। बाजारों में पिछले दिनों की अपेक्षा व्यापार, कारोबार काफी कम रहा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी शहर में नाममात्र की संख्या में खरीददारी करने के लिए आए। सुबह, शाम के समय तो अधिकतर बाजारों में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। स्थानीय पुरानी व नई अनाज मंडियों में भी आने वाले किसानों की संख्या काफी कम रही।
मूक प्राणियों पर बरपा कहर
धुंध, कोहरे, शीतलहर का असर आमजन के साथ-साथ मूक प्राणियों पर भी नजर आ रहा है। विशेषकर खुले स्थानों पर रहने वाले पक्षियों, बेसहारा पशुओं पर मौसम कहर बनकर टूट रहा है। हालांकि कुछ सामाजिक संस्थाएं पिछले कुछ दिनों से यहां बेसहारा पशुओं को बचाने के लिए मुहिम चला रही हैं लेकिन प्रतिकूल मौसम के आगे वे कोशिशें भी काफी नाकाफी नजर आ रही हैं।