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तीन दिनों से जिले में कहीं नहीं मिली टिड्डी

दादरी जिले में पूर्व में आए टिड्डी दलों के अंडों से बने टिड्डी दल एक सप्ताह तक सक्रिय रहे थे पहाड़ी क्षेत्र में मौजूद होने के कारण टिड्डी पर नियंत्रण पाने में देरी हुई जिससे टिड्डी दल ने फसलों तक पहुंचकर नुकसान पहुंचाया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 08:17 AM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 08:17 AM (IST)
तीन दिनों से जिले में कहीं नहीं मिली टिड्डी
तीन दिनों से जिले में कहीं नहीं मिली टिड्डी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी:

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दादरी जिले में पूर्व में आए टिड्डी दलों के अंडों से बने टिड्डी दल एक सप्ताह तक सक्रिय रहे थे पहाड़ी क्षेत्र में मौजूद होने के कारण टिड्डी पर नियंत्रण पाने में देरी हुई जिससे टिड्डी दल ने फसलों तक पहुंचकर नुकसान पहुंचाया। एक सप्ताह बाद कृषि विभाग ने 90 फीसद टिड्डी दल पर नियंत्रण पा लिया था। लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ी के ऊपर व घाटी में दवा के छिड़काव में आ रही दिक्कतों के कारण पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पाए जाने के कारण वहां फसलों पर टिड्डी के हमले की आशंका बनी हुई थी जिसके चलते कृषि विभाग ने आसपास के क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया था। लेकिन तीन दिन के दौरान वहां टिड्डी नहीं मिली हैं जिससे किसानों व कृषि विभाग ने राहत की सांस ली है व अब सर्च अभियान बंद कर दिया है। उल्लेखनीय है कि जुलाई माह में दादरी जिले में टिड्डी दलों द्वारा दो बार दस्तक दी थी। काफी मशक्कत के बाद दवा का छिड़काव कर टिड्डी दलों पर तो नियंत्रण पा लिया गया था। लेकिन उस दौरान टिड्डियों द्वारा कई स्थानों पर अंडे दे दिए गए थे। जिनसे तैयार टिड्डी बीते 12 अगस्त की शाम को गांव नौरंगाबास जाटान के पहाड़ी क्षेत्र व 13 अगस्त को रानीला के खेतों में देखे गए थे। रानीला के खेतों में मौजूद दल पर तो कृषि विभाग द्वारा किसानों की मदद से एक दिन बाद नियंत्रण पा लिया गया था। लेकिन इससे पहले टिड्डी दल द्वारा बाजरे, कपास की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा गया था। वहीं पहाड़ी क्षेत्र में मौजूद टिड्डी दल पर एक सप्ताह तक नियंत्रण नहीं हो पाने के कारण टिड्डी दल गांव कलाली, बलाली, आदमपुर तक पहुंच गया था। जिससे फसलों में काफी नुकसान हुआ। उसके बाद भी गांव ऊण व कादमा के पहाड़ी क्षेत्रों में टिड्डी दल के मौजूद होने की आशंका बनी हुई थी। जिसके चलते विभाग की टीम 20 अगस्त से वहंा किसानों की सहायता से लगातार सर्च अभियान चला रही थी ताकि टिड्डी दल दिखाई देने पर वहां दवा का छिड़काव कर टिड्डियों को मारा जा सके। लेकिन इस दौरान विभाग की टीम को वहां टिड्डी नहीं मिले हैं जिसके चलते सर्च अभियान को बंद कर दिया गया है।

नहीं मिला है कोई टिड्डी दल

दादरी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के टीए डा. जितेंद्र सिहाग ने कहा कि जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में टिड्डी दल मौजूद होने की आशंका के चलता विभाग द्वारा वहां सर्च अभियान चलाया गया था। उन्होंने कहा कि वहां इक्का-दुक्का टिड्डी ही देखने को मिली हैं जिनसे कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा कि चार हजार से कम टिड्डियों का दल अधिक नुकसान नहीं पहुंचा पाता हैं। उन्होंने कहा कि कम संख्या में टिड्डियों को कौवां व दूसरे पक्षी खा जाते है जिससे फसलों को नुकसान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि टिड्डी नहीं मिलने पर सर्च अभियान को बंद कर दिया गया है। लेकिन विभाग की टीम सतर्क है और निगरानी जारी है।


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