सर्व धर्म प्रार्थना : जिले में दो लाख लोगों ने प्रार्थना कर दिवंगत आत्माओं को दी श्रद्धांजलि
कोरोना महामारी में मारे गए लोगों के लिए दैनिक जागरण के आह्वान पर शनिवार सुबह 10 बजे सर्व धर्म शांति प्रार्थना कर दिवंगतों के लिए दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।
जागारण संवाददाता, भिवानी : कोरोना महामारी में मारे गए लोगों के लिए दैनिक जागरण के आह्वान पर शनिवार सुबह 10 बजे सर्व धर्म शांति प्रार्थना कर दिवंगतों के लिए दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई। बच्चें, बूढ़े, जवान, महिला हो या पुरुष हर वर्ग व हर धर्म के लोगों ने सर्व धर्म प्रार्थना में हिस्सा लेकर उन दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी जो कोरोना महामारी में हमें छोड़कर चले गए। जिले के करीब दो लाख लोगों ने सर्व धर्म प्रर्थाना में हिस्सा लिया। सरकारी अस्पताल हो, प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तर, सामाजिक संस्थाओं के कार्यालय या फिर बाजार हर जगह लोग दो मिनट के लिए ठहर गए। दिवंगतों के लिए प्रार्थना की तो जो लोग अभी इस महामारी से लड़ रहे है उनके ठीक होने की कामना की।
जिले के सरकारी, गैर सरकारी व सामाजिक संगठनों ने दैनिक जागरण के आह्वान पर सर्व धर्म प्रार्थना में हिस्सा लिया। व्यापारी वर्ग ने बाजार में ही मौन धारण कर समूह के रूप में प्रार्थना की। इसके साथ ही अनेक जगह हवन यज्ञ का आयोजन कर दिवंगतों की शांति के लिए आहुति डाली गई। शहर के चौक-चौराहों पर सामाजिक संस्थाओं ने बैनर लगा कर हस्ताक्षर अभियान चलाया। हस्ताक्षर करने वाले हर राहगीर ने वहां ठहर कर दिवंगतों के लिए प्रार्थना की तो पूरे विश्व को इस महामारी से बचाने के लिए भी कामना की। शहर हो, गांव हो या फिर कस्बा हर जगह लोग प्रार्थना करने में लगे रहे।
अधिकारी, कर्मचारी, नेता व किसान ने सर्व धर्म प्रार्थना में हिस्सा लेकर संवेदना व्यक्ति की, जो जहां था वहां रुक गया और प्रार्थना में हिस्सा लिया। हिदू, मुस्लिम, सीख ईसाई हर धर्म व हर जाति, वर्ग के लोगों ने अपने-अपने तरीके से शांति प्रार्थना में भागेदारी की।
कोरोना काल में किसी ने अपने बच्चों को खो दिया तो किसी की माता-पिता छोड़कर चले गए। किसी ने भाई तो किसी ने बहन को खो दिया। कोरोना महामारी में मारे गए लाखों लोगों में कुछ ऐसे भी थे जो अनाथ थे। जिनके लिए प्रार्थना करने वाला तक कोई नहीं था, लेकिन इस सर्व धर्म प्रार्थना में लोगों ने हिस्सा लेकर हर उस दिवंगत आत्मा के लिए शांति व मोक्ष की प्रार्थना की जो हमारे बीच नहीं रहे है।