मिट्टी को आकार देकर अपने सपने साकार कर रही रेणु
विजेता संसाधनों का रोना नहीं रोते, बल्कि मुश्किलों को अपनी दृढ़ इच्छा शक्ि
प्रवीण सांगवान, तोशाम : विजेता संसाधनों का रोना नहीं रोते, बल्कि मुश्किलों को अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के दम पर पार करते हुए सफलता के फलक पर पहुंचते हैं। कुछ ऐसी ही है ढ़ाणीमाहू की रेणु कुमारी जो वेटलि¨फ्टग में मुकाम हासिल कर सफलता की नित नई परिभाषा गढ़ रही है। खेल के साथ-साथ रेणु अध्ययन के प्रति भी पूर्ण सजग है तो पारंपरिक पेशे में पिता का हाथ बंटाकर अपनी जिम्मेदारी का भी निर्वाह कर उन लोगों के लिए बानगी पेश कर रही है जो बेटी को पराया धन समझते हैं। अल सुबह उठकर मिट्टी को गुंथकर घड़े बनाना, फिर अध्ययन के लिए कॉलेज पहुंचना, कॉलेज छूटने पर वेटलि¨फ्टग अभ्यास करना, शाम को घर से लौटकर फिर से मिट्टी के घड़े बनाने में जुट जाना। एक अंतर्राष्ट्रीय पॉवर लि¨फ्टग व वेट लि¨फ्टग खिलाड़ी रेणु का हर दिन यूं गुजरता है। घड़े बनाना रेणु का शौक नहीं है, घर की आर्थिक हालात उसे ऐसा करने के लिए मजबूर करती है। दो बहनों व एक भाई की पढ़ाई, अपनी डाइट व घर की अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए मिट्टी के बर्तन बनाना उसके परिवार के लिए एक मात्र जीविका का साधन है। जुनून और जोश के साथ अपनी मंजिल को पाने के लिए अडिग रेणु ने वो कर दिखाया जिसे पाना हर किसी का ख्वाब होता है।
रेणु की उपल्बिधियां
गत नवंबर में यमुनानगर में आयोजित राज्यस्तरीय सीनियर चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल हासिल किया था। आंध्रप्रदेश के गंटूर में आयोजित आल इण्डिया इंटर यूनिवर्सिटी पावर लि¨फ्टग प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली होनहार रेणू की उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। फरवरी 2015 में शिमला में आयोजित नॉथ इंडिया चैंपियनशिप में रेणु ने न केवल गोल्ड मेडल कब्जाया, वरन बेस्ट लिफ्टर का खिताब भी जीता। इसके अलावा वर्ष 2014 में शिमला में आयोजित जूनियर चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल, वर्ष 2014 में चेन्नई में आयोजित ऑल इंडिया यूनिवर्सिर्टिज चैंपियनशिप में प्रदेश का प्रतिनिधित्व, वर्ष 2013 में पटियाला में आयोजित नॉर्थ इंडिया चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, बेंगलुरू में आयोजित सीनियर पावर लि¨फ्टग चैंपियनशिप में चौथा स्थान, भिवानी में आयोजित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड, हांसी में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल सहित अनेक पदक झटकने में रेणु ने कामयाबी हासिल की है।
बेटी नहीं, बेटा है
रेणु के पिता गांव ढाणीमाहु निवासी रामनिवास वर्मा का कहना है कि पूरे परिवार को रेणु पर गर्व है। रेणु को देखकर उन्हें कभी लगा ही नहीं कि वो एक लड़की है, बल्कि लड़के से भी बढ़कर है। खेल व शिक्षा के साथ पूरा तालमेल बैठाने के बाद घर के कामकाज में भी हाथ बंटवाती तथा घड़े बनवाने में भी उनका पूरा सहयोग करती है।